रायपुर । देश की राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान किसी भी तरह की बाधाओं से निपटने के लिए कई स्तरों पर सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. नई दिल्ली यानी लुटियन इलाके को तो पूरी तरह से नाकेबंदी कर दी गई है. ऐसी सुरक्षा व्यवस्था है कि परिंदा भी पर न मार सके, लेकिन इसी इलाके में बंदरों के उत्पात की समस्या से सबसे ज्यादा है
दरों का आतंक सबसे ज्यादा लुटियन दिल्ली इलाके में ही है. इनमें से वहां पर इनकी गेदरिंग ज्यादा है, जहां पर विदेशी मेहमान आकर सबसे ज्यादा ठहरेंगे. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरदार पटेल रोड स्थित दिल्ली भू विज्ञान केंद्र के पास दो कटआउट लगाए गए हैं. इनके साथ गार्ड की भी तैनाती की गई है. जी 20 सम्मेलन के लिहाज से सरदार पटेल रोड सबसे अहम है. इस रोड पर स्थित होटल में विदेशी मेहमान रुकेंगे. इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित अन्य वीआईपी लोग भी शामिल हो सकते हैं. इस सड़क पर अक्सर बंदरों का आतंक रहता है. इसी तरह 11 मूर्ति से ताज होटल तक बंदर रिज क्षेत्र से निकलकर बाहर सड़क पर आ जाते हैं. मालचा मार्ग पर बंदरों का आतंक सबसे ज्यादा होता है. ये इलाके दिल्ली के अति सुरक्षित इलाकों में शामिल हैं
ताज पैलेस होटल सहित अन्य जगहों पर भी बंदरों का आतंक
नई दिल्ली क्षेत्र में सेना भवन, शास्त्री भवन, ताज पैलेस होटल सहित अन्य जगहों पर भी बंदरों का आतंक है. एनडीएमसी की योजना यह है कि अगर इन इलाकों में कटआउट से बात नहीं बनी तो बंदरों के आतंक पर काबू पाने के लिए पड़ोसी राज्यों से लंगूर लाने की भी योजना है. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, एनडीएमसी, एमसीडी सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ इस मसले पर उच्च स्तरीय बैठक भी की है. बंदरों के आतंक को दूर करने के लिए एनडीएमसी 30 ऐसे लोगों की इन इलाकों में तैनाती करेगा, जो लंगूर की आवाज निकालने में माहिर हैं. एनडीएमसी उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि इनको जी20 के दौरान जरूरत के हिसाब से तैनाती होगी. हमारी कोशिश है कि आयोजन के दौरान बंदरों के आतंक को पूरी तरह से दूर किया जाए