Raksha Bandhan 2023 : आज 30 अगस्त राखी बांधने का शुभ समय हैं रात 9:02 मिनट। इस समय के बाद से राखी बांधी जा सकती है. पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो चुका है. 30 अगस्त सुबह 10:59 मिनट से श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि शुरु हो चुकी है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं. रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है।
भद्राकाल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी (Bhadrakaal In Raksha Bandhan)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का अंत हुआ. रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया. इस वजह से ही भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. वहीं, एक मान्यता यह भी है कि भद्रा के वक्त भगवान शिव तांडव करते हैं और वो काफी क्रोध में होते हैं. उस समय कुछ भी शुभ कार्य करने पर शिव जी के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए भद्राकाल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
राशि के अनुसार भाई को बांधे ऐसी राखी (Rakhi According To Zodiac Signs)
मेष- इस राशि के भाई को मालपुए खिलाएं एवं लाल डोरी से निर्मित राखी बांधें.
वृषभ- इस राशि के भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें.
मिथुन- इन लोगों को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी डोरी वाली राखी बांधें.
कर्क- इस राशि के भाई को रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधें
सिंह- इन लोगों रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधें.
कन्या- इस राशि के भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें.
तुला- तुला राशि के भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधें.
वृश्चिक- इस राशि के भाई को गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं और गुलाबी डोरे वाली राखी बांधें.
धनु- इस राशि के भाई को रसगुल्ले खिलाएं और पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधें.
मकर- इस राशि के भाई को मिठाई खिलाएं एवं मिले जुले धागे वाली राखी बांधें.
कुंभ- कुंभ राशि के भाई को हरी मिठाई खिलाएं और नीले रंग से सजी राखी बांधें.
मीन- इस राशि के भाई को मिल्क केक खिलाएं और पीले-नीले जरी की राखी बांधें.
रक्षा बंधन के विभिन्न नाम (Different Names of Raksha Bandhan)
रक्षा बंधन या राखी को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न भाषाओं के साथ, लोग राखी के त्योहार को क्षेत्रीय नामों से मनाते हैं. उत्तर और पश्चिम भारत में, इस उत्सव को “राखी पूर्णिमा” के रूप में जाना जाता है. दक्षिण भारत में, “अवनि अवित्तम” या “उपकर्मम” कहा जाता है. महाराष्ट्र में इसे नारियल पूर्णिमा कहते हैं. मध्य भारत में मुख्य रूप से राखी के खुशी के अवसर को “कजरी पूर्णिमा” के रूप में मनाया जाता है.
राखी बांधने की सही विधि (Rakhi Bandhne Ki Vidhi)
सबसे पहले थाली में राखी, रोली, दीपक, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रख लें. भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा रखें. इस बात का ख्याल रखें कि तिलक करते वक्त भाई के सिर पर कोई कपड़ा जरूर हो. इसके बाद भाई की आरती करें और हाथ में राखी बांधे.
30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha bandhan Shubh Muhurt For 30th August)
आज पूर्णिमा के साथ ही भद्रा की भी शुरुआत हो जाएगी. भद्रा 30 अगस्त को रात 09 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगा. ऐसे में जो लोग आज रक्षा बंधन मना रहे हैं वो रात में 9 बजे के बाद राखी बांध सकते हैं.
राखी बांधने का मंत्र (Rakhi Bandhane ka Mantra)
रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधते समय ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।’ मंत्र का जाप करना चाहिए. भाई की उन्नति के लिए ये शुभ माना जाता है।