राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय करने को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी शुक्रवार को सामने आए गजट नोटिफिकेशन के जरिए सामने आई है।
नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) को 1929-30 में शाही राजधानी के तौर पर सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था. ये अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक घर था और इसे तीन मूर्ति हाउस के नाम से जाना जाता था. अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद ये देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का आवास बन गया।
जवाहरलाल नेहरू यहां 16 वर्षों तक रहे और उनकी मृत्यु के बाद सरकार ने उनके सम्मान में तीन मूर्ति हाउस को एक संग्रहालय और पुस्तकालय में बदलने का फैसला लिया. इसका उद्घाटन 14 नवंबर 1964 को तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था. इसके प्रबंधन के लिए 1966 में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी का गठन किया गया था.
जून में लिया गया नाम बदलने का फैसला
ये भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है, जहां देश के पत्रकार, लेखक, रिर्सच स्टूडेंट नेहरू के समय की सरकारों और उनकी नीतियों व समकालीन देशों की किताबों को पढ़ते हैं. इस सोसाइटी में एक अध्यक्ष और 29 सदस्य हैं. पीएम मोदी इसके अध्यक्ष हैं और 29 सदस्यों में कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।