रायपुर । जिला प्रशासन द्वारा मधुमक्खी पालन की दिशा में पहल करते हुए डीएमएफ मद से वन विभाग द्वारा प्राप्त परियोजना प्रतिवेदन अनुसार राशि जारी की गई। जिले में मधुमक्खी पालन की संभावनाओं को देखते हुए आईआईटी मुम्बई के विशेषज्ञों द्वारा सर्वे एवं अध्ययन उपरान्त परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर प्रशिक्षण कराया गया।
यह कार्य आईआईटी मुम्बई के तकनीकी मार्गदर्शन एवं वन अमला के देखरेख एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से कार्य प्रारम्भ किया गया। कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के मंशा अनुसार तथा आईआईटी.मुम्बई के तकनीकी निर्देशन में वन विभाग जशपुर के द्वारा मनोरा ब्लाक के ग्राम करदना, छतौरी, घाघरा, सैला, अराकोना कण्डोरा, खुटापानी, मिर्चीटोली व सरुआ के कुल 9 ग्रामों में प्रारंभिक प्रशिक्षण 1 सितंबर 2023 को आईआईटी मुम्बई से आये प्रोफेसर बकुल राव, मंजुनाथ, अपूर्वा, विधायक विनय भगत की उपस्थिति एवं कलेक्टर डॉ रवि मित्तल जिला पंचायत सीईओ. संबित मिश्रा, वनमण्डलाधिकारी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, वन विभाग के एस.डी.ओ.,रेंज आफिसर, राजेश गुप्ता रिड्स की उपस्थिति में 50 हितग्राहियों को मधुमक्खी पालन हेतु तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
जशपुर क्षेत्र मधुमक्खी पालन के लिए अनुकूलित माना जाता है
इस दौरान 100 नग बी. बाक्स तथा शहद उत्पादन से संबंधित अन्य समस्त उपकरण प्रदाय किये गये। जिससे हितग्राहियों को शहद उत्पादन हेतु वैज्ञानिक तकनीकी की सहायता से अधिकतम उत्पादन हो सकेगा । उनकी आजीविका में इससे अतिरिक्त आय का सृजन होगा। द्वितीय चरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा उपरोक्त मधुमक्खी पालन की समस्त तकनीकी पहलुओं की निगरानी आईआईटी. मुम्बई एवं वन अमला द्वारा निरंतर की जा रही है। जशपुर क्षेत्र मधुमक्खी पालन के लिए अनुकूलित माना जाता है जिसे बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन निरंतर प्रयास कर रहा है। आईआईटी मुंबई के विशेषज्ञ टीम के द्वारा हितग्राहियों को वैज्ञानिक तकनीकी की सहायता से मधुमक्खी पालन की जानकारी दी जा रही है जिससे निश्चित ही हितग्राहियों को लाभ मिलेगा।