रायपुर। Teacher’s Day 2023 : हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती मनाई जाती है. वे एक महान विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न प्राप्तकर्ता थे।एक स्कॉलर और फिलॉस्फर थे और उन्हें देश के सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिए हर साल डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को बधाई के साथ-साथ कार्ड्स व उपहार आदि भी देते हैं. यह छात्रों का अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने का तरीका होता है.
आइए जानते है शिक्षक दिवस के इतिहास और इसके महत्व के बारे में-
शिक्षक दिवस का इतिहास
साल 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। तब राधाकृष्णन ने कहा कि ‘मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। उनकी इस इच्छा के बाद पहली बार साल 1962 में शिक्षक दिवस मनाया गया था।
शिक्षक दिवस का महत्व
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 साल एक शिक्षक के रूप में देश को समर्पित किए थे। उन्होंने हमेशा से ही शिक्षकों के सम्मान पर जोर दिया। उनका मानना था कि एक सच्चा शिक्षक समाज को सही दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है। एक सच्चा शिक्षक अपने शिष्य को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना सिखाते हैं और उनका जीवन सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, इसलिए शिक्षकों की अनदेखी ठीक नहीं। यह दिन शिक्षकों द्वारा दिए गए इन सभी योगदानों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक बेहतरीन मौका है।