रविन्द्र विदानी/महासमुन्द। Pola Festival 2023 : छत्तीसगढ़ के किसानों का एक त्यौहार पोला 14 सितंबर को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह त्यौहार, निंदाई, कोड़ाई पूरा होने के साथ फसलों के बढ़ने की खुशी में मनाया जाता है. शहर के मुख्य मार्ग पर मिट्टी बैलों का बाजार लग चुका है, बाजार में दर्जनों कुम्हार विभिन्न प्रकार के खिलौन लेकर पहुंच चुके हैं. इस पोला तिहार पर्व पर मिट्टी से बने बैल की पूजा अर्चना की जाती है. बाजार में पर्व के चलते लोगों ने मिट्टी के बैल आदि खरीदारी शुरू कर दी है. लेकिन पारंपरिक मिट्ठी का काम करने वाले कुम्हारों का कहना है कि जितनी मेहनत हम करते हैं उतना लाभ नहीं मिल पाता है। महंगाई दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। साथ-साथ मोबाइल के युग में बच्चे पारंपरिक तीज त्यौहार को भूलते जा रहे हैं।
पोला त्यौहार के दिन किसान कृषि कार्य में उपयोग किए जाने अपने मवेशियों को बैल जोड़ को नहला धुलाकर उसकी पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही साथ कृषि कार्य में उपयोग किये जाने वाले औजारों को भी तालाब, नदी-नाले, आदि पर धोकर ( साफ) घर लेट है और पूजा के स्थान पर रखते है। पोला के दिन गांव के मैदान में एकत्रित होकर बैल दौड़ करवाया जाता है। छत्तीसगढ़ में यह त्यौहार बड़ा ही प्रसिद्ध माना जाता है पोला त्यौहार के पीछे की वजह यह है कि पोला के पहले तक किसान अपने खेतों की बुवाई पूरी कर लिया जाता है। किसान आज के दिन को बड़ा ही शुभ मानते हैं क्योंकि किसान श्रावण अमावस्या के शुभ दिन पर जो आमतौर पर भादो महीने की अमावस्या को पड़ती है, उत्सुकता और खुशी से पोला त्यौहार मनाते हैं। यह दिन बैलों के श्रृंगार को समर्पित है, जिसमें बैल दौड़ एक प्रमुख विशेषता है।