हड़ताल स्थगन के अब डॉक्टर, स्टाफ नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक हड़ताल के बाद वापस लौटे है। इसमें बर्खास्त ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक भी शामिल है।
गरियाबंद – अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित होने के बाद गुरुवार से वापस काम में लौटे जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों को विभाग द्वारा ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही। सुबह से ही स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर के बाहर कर्मचारियों का जमावड़ा लगा हुआ है। दफ्तर के बाहर ही बरसते पानी में संशय की स्थिति में स्वास्थ्य कर्मचारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी के आने का इंतजार कर रहे है। इसमें बड़ी संख्या में महिलाए स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल है। कर्मचारियों का आरोप है कि है जिला स्वास्थ्य अधिकारी सुबह से दफ्तर भी नहीं आए हैं और न ही किसी भी कर्मचारी का फोन उठा रहे हैं। न ही हड़ताल वापसी के बाद स्थापना शाखा को किसी प्रकार का निर्देश उन्होंने दिया है। जिसके चलते बरसते पानी में वे बाहर खड़े खड़े इंतजार में है। जबकि अन्य जिलों में वापस आए कर्मचारियों को आते ही जॉइनिंग मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आश्वासन के बाद बुधवार रात विभिन्न मांगो को लेकर 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी ने बीती रात ही अपनी हड़ताल स्थगित कर दी और गुरुवार से ही काम में लौट आए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी कर्मचारियों को वापस आने के साथ ही जिनका बर्खास्त और निलंबन हुआ है उन्हें भी वापस काम में रखने का आश्वासन दिया है। लेकिन जिला मुख्यालय गरियाबंद में जिम्मेदार अधिकारी के नदारद होने के चलते हड़ताली कर्मचारियों को दोपहर तक फिर से ज्वाइनिंग नहीं मिली है। ताज्जुब की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आश्वासन के बाद भी गरियाबंद का स्वास्थ्य विभाग उनकी बातों को तवज्जो नहीं दे रहा है। हड़ताल स्थगन के बाद चार घंटे से डॉक्टर, स्टाफ नर्स और ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक दफ्तर के बाहर जमे हुए है। इसमें बर्खास्त ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक भी शामिल है।
इधर स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि सभी कर्मचारी विकासखंड स्तरमें बीएमओ को सूचना देकर हड़ताल में गए थे। इसलिए उन्हें वहीं सूचना देकर फिर से जॉइनिंग करनी चाहिए। मित्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यालय में हड़ताली कर्मचारियों के वापसी और जॉइनिंग को लेकर किसी प्रकार के लिखित और मौखिक निर्देश उच्च अधिकारी या शासन स्तर से नहीं आए हैं। वही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी सुबह से मुख्य स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी डॉ उतर को फोन कर रहे है लेकिन अधिकारी उनका फोन भी नहीं उठा रहे है।
मालूम हो कि स्वास्थ्य फेडरेशन के आव्हान पर प्रदेशभर के स्वास्थ्य कर्मी वेतन विसंगति, लंबित वेतनमान, विशेष कोरोना भत्ता सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गए थे। करीब 25 दिन बाद फेडरेशन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच हुई सार्थक चर्चा और सीएम के आश्वासन के बाद अंततः फेडरेशन ने हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही फेडरेशन ने गुरुवार से ही काम में वापसी का आव्हान भी कर दिया था।