रायपुर। हिन्दी मन की भाषा है, यह हम सभी के दिलों की भाषा है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करें, लेकिन हमारा पहला दायित्व यह भी है कि हम राजभाषा हिन्दी के विकास की दिशा में सदैव तत्पर रहें। हिन्दी हमारे देश की एकता है और संवाद की यह भाषा सभी को सरलता से जोड़ने का कार्य करती है। यह बातें मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग द्वारा राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित हिन्दी सप्ताह के समापन में अतिथियों ने कहीं। हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये।
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मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी हिन्दी विभाग द्वारा 9 सितंबर से 14 सितंबर तक हिन्दी सप्ताह का आयोजन किया गया। हिन्दी सप्ताह का समापन गुरुवार को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर किया गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. माणिक विश्वकर्मा ’नवरंग’ ने कहा कि हिन्दी समृद्ध, सशक्त एवं सरल भाषा है। व्याकरण, लिपि एवं उच्चारण की दृष्टि से विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा मानी जाती है। हिन्दी केवल भाषा नहीं है, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति की पहचान एवं भारतीय संस्कृति की संवाहिका भी है जो देश-विदेश में रह रहे करोड़ों भारतीयों को आपस में जोड़ती है। इसमें किसी भी विषय वस्तु को अभिव्यक्त करने एवं शब्द को ग्रहण करने की अपार संभावना है।
दुनिया भर में हिंदी भाषा तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है
हिन्दी दिवस समारोह के विशिष्ट अतिथि सांस्कृतिक संस्था नवरंग काव्य मंच के संयोजक और प्रसिद्ध कवि राजेश जैन ’राही’ ने कहा कि हिन्दी सभी के दिलों की भाषा है और मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग द्वारा बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष हिन्दी सप्ताह का निरंतर आयोजन किया जा रहा है जो गौरव की बात है। इस अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा विविध संस्कृतियों वाला देश है। धर्म, परंपराओं तथा भाषा में इसकी विविधता के बावजूद यहाँ के लोग एकता में विश्वास रखते हैं। दुनिया भर में हिंदी भाषा तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हिंदी भाषा बोली, लिखी व पढ़ी जाती है।
हमें आज भी हिन्दी के विकास के लिए संघर्ष करना पड़ रहा-डॉ. विजय भूषण
मैट्स यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक डॉ. विजय भूषण ने हिन्दी को लेकर किये गये संघर्ष की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विडंबना है कि हमें आज भी हिन्दी के विकास के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हमें निज भाषा की उन्नति के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। इसके पूर्व विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ. रेशमा अंसारी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार कि दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहेगा। इस समारोह का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।
हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं निबंध लेखन, कहानी लेखन, तात्कालिक भाषण, संगीत, चित्रकला, फोटोग्राफी प्रतियोगिता और नृत्य प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों तथा प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गजराज पगारिया, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांड, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा ने राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए समारोह के सफल आयोजन की सराहना की। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. कमलेश गोगिया, डॉ. रमणी चंद्राकर, सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनीता तिवारी, डॉ. सुपर्णा श्रीवास्तव, प्रियंका गोस्वामी सहित प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।