सक्ती। SAKTI NEWS : जहां सर्वाधिक धार्मिक लोग रहते है और जो धर्म की भूमि है वह सक्ती ही है। इस घोर कलयुग में जहां सर्वाधिक गौ वंश है जहां गौ मूत्र व गोबर की महत्ता समझी जाती है वह सक्ती ही है। उक्त बातें मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज ने हटरी धर्मशाला में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। दुबलधनिया परिवार द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन शुभम भवन में किया जा रहा है जहां अतुल कृष्ण भारद्वाज कथा वाचन करने पहुंचे हुए है।
उन्होंने कहा कि साल भर में छत्तीसगढ़ के सिहावा में आगमन तीन से चार बार हो ही जाता है किंतु यहां सर्वाधिक धार्मिक माहौल मुझे देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि सिहावा सप्त ऋषियों का स्थान है यह महानदी का उद्गम स्थल भी है। यहां एक कमण्डल बना है वहां जहां बारह माह जल बहता रहता है मैं स्वयं अगस्त ऋषि का बहुत बड़ा फैन हूं। केदारनाथ क्षेत्र में एक जगह का ही नाम अगस्त ऋषि है। तिरूपति बालाजी में सर्वाधिक दान चढ़ाया जाता है। अगस्त ऋषि ने शिवजी से अक्षय कमण्डल लेकर सिहावा पर्वत में स्थापित किये है। एक समय था जब भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में फैला था यूरोप जैसे बड़े देशों में भी अगस्त ऋषि का नाम और महत्ता है। कथा वाचक श्री भारद्वाज ने कहा कि ये देश विविधताओं का है, पृथ्वी पर सृष्टि की शुरूआत ही संघर्षों से हुई है, जो जीत जाता है उसका गुणगान किया जाता है इस धरती में नेतृत्व करने वालों की संख्या महज 5 प्रतिशत ही है यह असुरों में भी था बाकी तो आम जनता है। उन्होंने कहा कि ग्रह नक्षत्रों का मानव जीवन में विशेष प्रभाव होता है।
विदित हो कि राम कथा के माध्यम से जन-जन के जीवन को मंगलमय बनाने में जुटे पूज्य संत श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी बचपन से ही समाज सेवा और आध्यात्मिक जागरण की ओर प्रेरित रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सम्मानित परिवार में जन्म लेने वाले श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ने रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि तथा पत्रकारिता में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। पूज्य महाराज जी ने मानव जीवन एवं विज्ञान की सूक्षमताओं का मनन, चिंतन किया और अपने व्यक्तित्व उत्कर्ष की जगह सामाजिक उत्थान हेतु और ग्राम- ग्राम में नरसेवा- नारायण सेवा के माध्यम से समाज जागरण का कार्य किया है। तत्पश्चात अपने गुरु पूज्य श्री विजय कौशल जी महाराज की प्रेरणा से उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन कथा के माध्यम से जनता तक पहुंच रहे है।