कांकेर। CG NEWS : मुलभुत सुविधाओं से आज भी कई गाँव वंचित हैं, छत्तीसगढ़ का एक गाँव ऐसा भी जहाँ आजादीं के 7 दशक बाद भी गाँव पुलविहीन हैं, आजादी के एक दशक बाद भी कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम घोटिया में पुल नहीं हैं, पुल नहीं होने से स्कूली बच्चे और लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार कर पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण बताते हैं की पुल की मांग को लेकर कई सालो से मांग कर रहें हैं लेकिन मांग पूरी नहीं हुई सरकार बदल गई लेकिन आज तक पुल नहीं बनवा पाई ग्राम पंचायत मुरवंडी के आश्रित गाँव घोटिया हैं इस ग्राम पंचायत से होकर कई गाँव तारहूर मारकचुआ मेड्रा ऐसे दर्जन गाँव आश्रित हैं घोटिया गाँव में कुल 580 लोग निवास करते हैं साथ ही अन्य गावों के लोगों को इस पुल से होकर गुजरना पड़ता हैं। बारिश के दिनों में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। हर साल इस समस्या से गाँव के लोग गुजरते हैं अत्यधिक बारिश होने से घोटिया नाला उफान पऱ होती हैं जिसके चलते आसपास के गाँव से संपर्क टूट जाता हैं। गाँव में किसी की तभीयत बिगड़ जाये तो इस नाले से चारपहिया वाहन गाँव तक नहीं पहुंच सकती हैं और गाँव के लोग उफनती नदी को पार कर नहीं सके जिससे कई लोगों की जान भी जा चुकी हैं।
इतना ही नहीं गाँव में प्राथमिक शाला माध्यमिक शाला स्कूल संचालित हो रहीँ हैं ,जिसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए बड़गाव जाना पड़ता हैं और इसी नाले से होकर 7 किलोमीटर की दुरी का सफर तय कर स्कूली बच्चे रोजाना उफनती नदी पार कर बड़गाव पहुंचते हैं, ऐसे दर्जनों बच्चों को पार करने के लिए गाँव के ग्रमीण इन बच्चों को नदी पार कराते हैं जिससे बच्चे पानी के तेज बाहव में बह जाने का भय भी बना रहता है, स्कूली बच्चे रोजाना उफनती नदी को पार करने के लिए एक साथ झुंड बनकर जाते है। वहीं कुछ गाँव के लोग बच्चों को साईकिल पर बैठा कर नाला पार करा देते हैं, जिसके बाद बच्चों को साईकिल चलाकर बड़गाव के स्कूल में 7 किलोमीटर की सफऱ तय कर स्कूल आते हैं।
सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गावों में सड़क तो बनवा दीं, लेकिन गाँव के इस पार पुल बनना भूल गई जिसके चलते सरकार की तमामा योजना शिक्षा चकित्सा सड़क ये तीन चीज में एक ऐसी चीज सड़क हैं और सड़क में आवागमन के लिए पुल ना हो तो सारी योजना फेल हैं। स्वस्थ सुविधा के लिये लोगों को 7 किलोमीटर तय कर बड़गाव पहुंचते हैं इस बीच नदी नाला उफान पर हो तो इलाज करना संभव नहीं हैं बेहतर उपचार के लिए इस पुल को पार कर ग्रामीणों को पहुंचना होता हैं।
बड़गाव गाँव के ग्रामीण गज्जू धुर्व राजकुमार जैन पवन पांडे अशोक दरो ने बताया कि पुल के नहीं होने से हमें रोजना नाला पार कर बड़गाव पहुंचना होता हैं, पुल के नहीं होने से हमें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं, रोज गाँव के बच्चों को काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता हैं। ईन बच्चों को नाला पार कर पहुंचना होता हैं। स्वरसाती जैन, शैलेश जैन, भूमिका दरो, प्रियंका दरो, गीता नेताम ऐसे दर्जनों स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचते हैं।
गाँव के ही शिक्षक परसु दरो ग्रमीण पवन पांडे ने बातया कि कई वर्षो से पुल की मांग को लेकर राजनेता से लेकर शासन में बैठे तमाम अफसरों से पुल के लिए गुहार लगाई, लेकिन शासन में बैठे अधिकारी और राजनेता ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गाँव में अवगमान के लिए पुल नहीं बन पाई, जिससे गाँव में रहने वालो ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं वहीँ ग्रामीणों ने शासन ओर प्रशासन से जल्द पुल बनाने की मांग की हैं।
अंतागढ़ विधायक अनूप नाग का कहना है की कांग्रेस की सरकार में सुदूर अंचलो में जहाँ ऐसी समस्या बनी हुई हैं वहाँ बहुत जल्द पुल बनवाने के लिए उच्च अधिकारियों को निर्देश दिया गया हैं मामला मेरे सज्ञान में हैं दिखवाता हूँ।