राजिम। CG NEWS : गरियाबंद जिले के राजिम से 15 किलोमीटर की दूरी पर बसा टेका ग्राम में श्री साई बाबा की ग्राम देवता के रूप में पूजा हो रही है, जो प्राचीन समय से साई पीकरी के नाम से प्रसिद्ध है। ग्रामीण बताते है कि लगभग 300 साल पहले 5 फकीर साधु गांव आए थे जो गांव विरान शमशान में डेरा जमाए थे, जिसकी सुचना गांव के जमींदार को दी गई, जिसपर जमींदार ने इस स्थान पर तंबू बनवाकर भोजन की व्वास्था की। पर जमीदार मिलने नहीं आए जिसपर साधु लोग नाराज हो गए और अचानक कहीं गायब हो गए, जिन्हे जमींदार द्वारा आसपास के गांव में ढूंढवाया गया, पर वह नहीं मिले, वहीँ उस स्थान पर एक पिकरी ( पीपल) का पेड़ था जो साधुओं के गायब होने के साथ साथ 6 माह के अंदर सुख गया, तो वहीं पत्थर का चबूतरा भी बना था। वर्तमान में उस स्थान के उपर साई बाबा का मंदिर बनाया गया है। शिरडी और शिरडी के आस-पास के गांव के अलावा पूरे हिन्दुस्तान में कहीं भी साई बाबा के प्राचीन स्थान की जानकारी नहीं है। लेकिन इस गांव में प्राचीन समय से ही इस गांव में साई बाबा का गांव के देवता के रूप में पूजा अर्चना हो रही है। पावन स्थान को पावन धाम बनाकर सभी सांई भक्तों एवं ग्रामवासियों का सहयोग रहता है।
वर्तमान में यहां चन्द्रभानु सतपथी रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक द्वारा साई बाबा की मूर्ति स्थापित की गई है। जिन्होनें पूरे विश्व में 300 से भी अधिक साई मंदिरों का निर्माण करवाया है। उनके द्वारा ओडिसा के संबलपुर स्थित किसी झील से निकलवाकर मंदिर के ट्रस्टी मोहन सिंह ठाकुर को प्रदान किया गया, जिसे ग्रामीणों के सहयोग से स्थापित किया गया है। जहां साई मंदिर की तरह ही भजन संध्या आरती के साथ साथ भोग प्रसादी का वितरण किया जाता है। और पालकी भी निकाली जाती है। जिसमे ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिलता है।