सबसे मजबूत करेंसी के बारे में पूछा जाए तो सबसे पहले डॉलर का नाम आ सकता है. पौंड, यूरो या दीनार के बारे में भी आप सोच सकते हैं. आप जिस नाम के बारे में बिलकुल नहीं सोच सकते हैं, उसी ने सितंबर तिमाही में अमेरिकी डॉलर को भी मात दे दी है
सितंबर तिमाही में अफगानी की वैल्यू में 9 फीसदी की तेजी आई है. यह दुनिया की किसी भी अन्य करेंसी की तुलना में ज्यादा है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तिमाही में दूसरे नंबर पर कोलम्बिया की करेंसी पेसो है. सितंबर तिमाही में पेसो का भाव करीब 3 फीसदी बढ़ा है. सालाना आधार पर देखें तो पिछले एक साल की सबसे मजबूत करेंसी पेसो ही है. दूसर नंबर पर श्रीलंका की करेंसी है और इस मामले में तीसरे नंबर पर अफगानी है.
अभी इतनी है भारतीय रुपये की वैल्यू
भारतीय करेंसी रुपये की बात करें तो सोमवार को बाजार बंद होने के बाद यह डॉलर के मुकाबले 83.27 पर रहा था. यानी एक अमेरिकी डॉलर और 83.27 भारतीय रुपये की वैल्यू एक समान है. इसका मतलब हुआ कि अफगानी की वैल्यू फिलहाल रुपये से ठीक-ठाक ज्यादा है. विनिमय दर के हिसाब से अभी एक अफगानी में 1.06 भारतीय रुपये आ जाएंगे