बप्पा की स्थापना के बाद शुभ मुहूर्त में उनका विसर्जन जरुरी है. 26- 27 सितंबर को गणपति विसर्जन का मुहूर्त नहीं है
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धर्म ग्रंथों के अनुसार गणेश उत्सव के 10वें ही दिन बप्पा को विदाई दी जाती है और पानी में उनका विसर्जन किया जाता है ताकि वह अपने लोक लौट सकें। शास्त्रों के अनुसार गणपति जल तत्व के अधिपति हैं. पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने 10 दिन तक बिना रुके महाभारत काव्य लिखा था. इसके कारण गणपति के शरीरा तापमान बहुत बढ़ गया. वेद व्यास जी ने उन्हें शीतल करने के लिए जल में डुबा दिया जिससे उन्हें ठंडक मिली । अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के लिए सुबह 10.42 से दोपहर 3.10 मिनट तक का मुहूर्त सबसे अच्छा माना जा रहा है.
गणेश उत्सव अब समापन की ओर
गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ गणेश उत्सव अब समापन की ओर है. पंरपरा के अनुसार गणपति जी का विसर्जन 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर किया जाता है. इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को है