बलौदाबाजार – भाटापारा। CG NEWS : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरितक्रांति के जनक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने डॉ. स्वामीनाथन के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि डॉ. स्वामीनाथन ने देश में हरितक्रांति लाकर कृषि की तस्वीर बदल दी। कृषि के क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और अनेक उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें पदमश्री और पदमविभूषण सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित गया था। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने गेंहू और चावल की ऐसी किस्में विकसित की थी, जिससे फसल की पैदावार बढ़ी। डॉ. स्वामीनाथन हमेशा किसानों को उपज का सही दाम दिलाने के लिए उचित समर्थन मूल्य के पैरोकार रहें। डॉ. स्वामीनाथन के विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए फसल की उचित कीमत दिलाने की व्यवस्था की गई।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने सम्बोधन में कहा कि मै छत्तीसगढ़ आया हूं और देख रहा हूं सारे कार्यक्रम अच्छे तरीके से भूपेश बघेल जी की सरकार चला रही है और उसका लाभ आप सभी को मिल रहा है।
खड़गे जी ने स्वामीनाथन जी को याद किया। मैं उनके बहुत करीब रहा, उनका जाना बहुत दुःखद है। भारत में हरित क्रांति के जनक थे। उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा देश के किसानों के लिए। श्री खड़गे ने सम्मेलन में दो मिनट का मौन धारण कर डॉ. स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि दी।
डा. स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि डा. स्वामीनाथन ग्रीन रिवोल्यूशन लेकर आये। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का उन्होंने मुझे मेंबर बनाया था। स्वामीनाथन जी उस वक्त हमारे कृषि के प्रमुख थे। रिसर्च स्टेशन के प्रमुख थे। हिंदुस्तान में ही नहीं, पूरे दुनिया में उनका नाम हुआ। वे फादर आफ ग्रीन रिवोल्यूशन थे। उनकी प्रशंसा इंदिरा जी ने भी की। राजीव जी ने भी की। राज्यसभा में सांसद रहे। देश के किसानों के लिए उन्होंने बड़ा योगदान दिया। इसके बाद उनके शोक में मौन रखने लोगों से आग्रह किया।