मणिपुर में दो युवा छात्रों की हत्या के मामले में चार संदिग्धों को रविवार (1 अक्टूबर) को सीबीआई और अन्य सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है ।
पीड़ित परिवारों को संदेह है कि उनके बच्चों को सशस्त्र हमलावरों ने मार डाला है. मुख्यमंत्री के बंगले की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे कम से कम 100 छात्र सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद घायल हो गए थे. इनमें लड़कियां भी शामिल थीं. छात्रों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को 29 सितंबर तक बंद कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में 6 अक्टूबर तक इंटरनेट पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि दो युवा छात्रों की हत्या के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और अपराधियों को उचित सजा दी जाएगी. मणिपुर सरकार ने पहले ही छात्रों की हत्या का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप चुकी है। पूर्वोत्तर राज्य में 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत की हत्या के विरोध में पिछले सप्ताह बड़े पैमाने पर छात्रों ने आंदोलन किया था. दोनों छात्र बिष्णुपुर जिले से थे और 6 जुलाई को मणिपुर में जातीय हिंसा के चरम के दौरान लापता हो गए थे. उनकी तस्वीरें 25 सितंबर को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गईं थी।
दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई
4 मई को ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं।एक पीड़ित महिला के पति ने बताया- ‘हजार लोगों की भीड़ ने गांव पर हमला किया था। मैं भीड़ से अपनी पत्नी और गांव वालों को नहीं बचा पाया। पुलिसवालों ने भी हमें सुरक्षा नहीं दी। भीड़ तीन घंटे तक दरिंदगी करती रही। मेरी पत्नी ने किसी तरह एक गांव में पनाह ली।’