मध्यप्रदेश: MP NEWS : जबलपुर के महिला थाना के परिवार परामर्श केन्द्र में हर बड़ी संख्या में घरेलू हिंसा और महिलाओं की प्रताड़ना के मामले पहुंच रहे है। करीब आधा सैकड़ा मामले घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद से जुड़े हुये पहुंचे, जिनका सामुदायिक पुलिसिंग के जरिये आपसी समझाईश एवं सहमति से पारिवारिक झगड़ों में सुलह कराई गई। इसमें एक मामला जेल प्रहरी पति द्वारा बेटे की चाह के बीच बेटी पैदा होने पर पत्नि को प्रताड़ित कर जबरन मायके छोड़ने का भी सुनवाई के लिये पहुंचा है।
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जबलपुर के महिला थाने में लगने वाले परिवार परामर्श केन्द्र में घरेलू हिंसा और महिलाओं की प्रताड़ना के हैरान परेशान करने वाले मामले पहुंच रहे है। ऐसे की एक मामला नर्मदापुरम होशंगाबाद में पदस्थ जेल प्रहरी की जबलपुर निवासी पत्नी ने परिवार परामर्श केन्द्र में पहुंचकर शिकायत की है कि उसके जेल प्रहरी पति बेटे की चाहत रखते थे, लेकिन बेटी के पैदा होने पर उसके साथ मारपीट कर तरह तरह की यातनाएं देते है। आलम ये है कि पत्नी पति से दूर मायके में रहने के लिये मजबूर है।
MP NEWS वहीं पारिवारिक रिश्तों को बिखरने से बचाने के लिये जबलपुर में साल 1995 में शुरू की गई सामुदायिक पुलिसिंग ऐसे परिवारों की काउंसलिंग कर पति पत्नि के साथ दोनोें परिवारों के लोगों को उचित समझाईश देती है। हालाकि समाजशास्त्री इस बात पर हैरान और चिंतिंत है कि समाज में अब भी रूढ़ीवादी परंपराएं और सोच हावी है, जिससे निपटने के लिये जन जागरूकता के कार्य समय समय पर किये जाते है। सामुदायिक पुलिसिंग का मकसद टूटते परिवारों की डोर को टूटने से बचाना है, जिससे सामाजिक ताना बाना छिन्न भिन्न होने से बच सके।