मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों के लिए आज चुनाव तारीखों का ऐलान होगा । इसी बीच आचार संहिता (Model Code of Conduct) को लेकर निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए हैं।
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निर्देश के अनुसार, टेलीफोन, बिजली खंभों के साथ-साथ निकाय क्षेत्रों में पहले से लगे राजनैतिक दलो के बैनर झंडो को 48 घंटे के भीतर हटाना होगा. निजी मकानों में अनाधिकृत रूप से राजनैतिक प्रचार से संबंधित विज्ञापन 72 घंटे के भीतर हटाये जाएंगे. 24 घंटे के अंदर शिकायतों को निराकरण के निर्देश है
निर्वाचन अधिकारियों का आयोग के निर्देश
निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता लगने के तत्काल बाद कार्रवाई की समय सीमा तय की है. इसे लेकर कमीशन की ओर से कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों निर्देश दिए गए हैं. इसमें सरकारी संपत्ति पर होर्डिंग, बैनर, पोस्टर हटाने की कार्रवाई 24 घंटे के भीतर करने को कहा गया है. इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण चौबीस घंटे में किया जाए और इसे आयोग के पोर्टल पर दर्ज किया जाए.
कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि यह आचार संहिता आखिर होती क्या है? दरअसल, चुनाव की प्रक्रिया को अच्छे से निपटाने के लिए चुनाव आयोग कुछ गाइडलाइंस तैयार करता है और जहां भी चुनाव होने होते हैं वहां तारीखों के ऐलान के साथ ही उनको लागू कर देता है।
क्या-क्या हैं गाइडलाइंस?
1. चुनावी गतिविधि के दौरान सरकार किसी तरह की भर्तियों का ऐलान नहीं कर सकती।
2. अपने विपक्ष में खड़े उम्मीदवारों का भी सम्मान करना होता है, उनके घर के बाहर शक्ति प्रदर्शन करना और रैली निकालने से बचना होता है।
3. जो भी रैली की जाएं वह सड़क यातायात को प्रभावित ना करें।
4. चुनाव आयोग ने शराब बांटने पर भी पाबंदी लगा रखी है, लेकिन यह फिर भी खुलकर होता है।
5. किसी तरह की नई स्कीम का ऐलान नहीं किया जा सकता, इसमें सड़क निर्माण, पीने के पानी से सबंधित कोई योजना समेत कई चीजें शामिल हैं।
6. आचार संहिता के मुताबिक, रैली के लिए ग्राउंड्स, हेलीपैड्स, सरकारी गेस्ट हाऊस और बंगलों का सभी उम्मीदवारों में बराबर बंटवारा करना होता है।