मध्यप्रदेश। National News : हिंदुस्तान के महाबली “द ग्रेट खली” संस्कारधानी पहुंचे, जहां उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रखने और स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की अपील की। दरअसल मध्यप्रदेश स्टेट एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन द्वारा तीन दिवसीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से महिला और पुरुष वर्ग के खिलाड़ी शामिल हुए। इस चैंपियनशिप के समापन अवसर पर खली खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए जबलपुर पहुंचे। खली को देखने और उनसे मिलने के लिए संस्कारधानी के युवाओं में भारी उत्साह नजर आया। महाकौशल कॉलेज में 6 अक्टूबर से यह प्रतियोगिता शुरू हुई थी, खली ने टूर्नामेंट के समापन कार्यक्रम में शामिल होकर मंच से युवाओं को संबोधित किया और नशे से दूर रहकर खेल-कूद में आगे बढ़ने की सलाह दी।
मीडिया से चर्चा के दौरान दिलीप सिंह राणा (द ग्रेट खली) ने कहा कि वे पहली बार जबलपुर आए हैं और यहां आकर उन्हें बहुत खुशी महसूस हो रहा है, उन्होंने आयोजकों को बॉक्सिंग के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और अपील की, यदि युवाओं को नशे से दूर रखना है तो खेल से बेहतर विकल्प कोई और नहीं है। खली ने आश्वासन दिया है कि अगले साल वे फिर से जबलपुर आने का प्रयास करेंगे और बॉक्सिंग के साथ रेसलिंग का टूर्नामेंट भी करवाएंगे।
द ग्रेट खली को जबलपुर लाने के लिए राज्यसभा सांसद विवेक तंखा और मध्य प्रदेश एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष वरुण तन्खा ने खास प्रयास किया। संगठन के अध्यक्ष वरुण तंखा ने कहा है कि प्रतियोगिता को लेकर खिलाड़ियों में खासा उत्साह है, क्रिकेट और फुटबॉल के बाद बॉक्सिंग के लिए भी खिलाड़ियों की दीवानगी देखते ही बन रही है जिसे देखते हुए आने वाले दिनों में इस तरह की प्रतियोगिताओं को विशाल और भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा है कि जबलपुर और आसपास के जिलों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और उनकी कोशिश शहरी और ग्रामीण युवाओं को बड़े मंच उपलब्ध करा कर उनकी खेल प्रतिभाओं को निखारना है। जबलपुर के महाकौशल कॉलेज में आयोजित हुई इस चैंपियनशिप में शामिल होने जहां प्रदेश भर के बॉक्सर पहुंचे वहीं इस प्रतियोगिता में बॉक्सिंग के दाव पेंच देखने और खास तौर पर देश के महाबली खली की एक झलक पाने के लिए दीवानों की खासी भीड़ भी जुटी, हर किसी का यही कहना था कि खली को अब तक उन्होंने टीवी पर ही देखा है लेकिन यह पहला मौका है जब उन्हें खली को अपनी नजरों के सामने से देखने का अवसर मिल रहा है।