राजधानी के महज 12 एयर क्वॉलिटी स्टेशन ही काम कर रहे थे। इन्हीं के आधार पर एक्यूआई जारी किया गया है। राजधानी में विभिन्न एजेंसियों के 40 एयर क्वॉलिटी स्टेशन हैं। कई हॉट-स्पॉट पर भी एक्यूआई ने डेटा जारी नहीं किया। 12 जगहों के आधार पर सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने जो एयर बुलेटिन जारी किया उसके अनुसार, प्रदूषण का स्तर सामान्य पर रहा।
आज सुबह दिल्ली में AQI 135, नोएडा में 193 और ग्रुरुग्राम में 116 दर्ज किया गया। इससे पहले मंगलवार को राजधानी का एक्यूआई 180 रहा। शादीपुर का एक्यूआई 267, डीटीयू का 206, नॉर्थ कैंपस का 208 और इहबास का 218 रहा। यह जगह सबसे अधिक प्रदूषित रहीं। अन्य 8 जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य रहा। एनसीआर में कुछ इलाके खराब स्तर पर पहुंच गए। बहादुरगढ़ का एक्यूआई 243, फरीदाबाद का 227, ग्रेटर नोएडा का 240 रहा। पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार को राजधानी की हवा खराब हो सकती है। 11 से 13 अक्टूबर तक यह खराब स्तर पर ही बनी रहेगी।
दिल्ली की हवा में सांस लेने में होने वाली तकलीफों का जिक्र किया
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से रिपोर्ट मांगी है. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने इस बावत एमिकस क्यूरी वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह की दलीलों पर ध्यान दिया है.सिंह ने अपनी रिपोर्ट में सर्दियों के दौरान हवा की गुणवत्ता बिगड़ने और इसके साथ ही आसपास के राज्यों में पराली जलाने की वजह से दिल्ली की हवा में सांस लेने में होने वाली तकलीफों का जिक्र किया है. इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से रिपोर्ट मांगी है. पीठ ने कहा कि न्यायमित्र (एमिकस क्यूरी) ने सर्दियां आने के साथ-साथ पराली जलाने के से वायु प्रदूषण की “गंभीर समस्या” को चिह्नित किया है. उन्होंने कहा है कि ये मुद्दे सीएक्यूएम के समक्ष पहले से रखे गए हैं.
कोर्ट ने मांगी तत्काल रिपोर्ट
पीठ ने कहा, ”हम सीएक्यूएम से राजधानी और उसके आसपास वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में तत्काल एक रिपोर्ट पेश करने का आह्वान करते हैं.” मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होनी है.