शाजापुर। MP NEWS : जिला चिकित्सालय में लेबर रूम के बाहर गर्भवती महिलाओं के परिजनो ने जमकर हंगामा किया आपको बता दें कि मक्सी के समीप गांव के रहने वाले राजेंद्र अपनी बहन को जिला चिकित्सालय शाजापुर में डिलीवरी के लिए लेकर आए थे, डॉक्टरों ने सुबह 8:00 बजे से ही महिला और उसके परिजनों को आश्वासन दिया था कि उसकी नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। परिजनों के लाख मना करने के बावजूद डॉक्टर ने परिजनों की एक न सुनी परिजन कहते रहे कि आप ऑपरेशन कर दो लेकिन डॉक्टर अपनी मनमानी पर अड़े रहे, नतीजा यह निकला कि डॉक्टरों ने शाम होते होते महिला को इंदौर रेफर का बोल दिया कि यहां पर ऑपरेशन नहीं हो पाएगा, तो मरीज को इंदौर ले जाना पड़ेगा। महिला के घर वालों डॉक्टर से कहा कि आप सुबह से ही बोल रहे थे कि नॉर्मल डिलीवरी होगी और अब आपने एकदम इंदौर का बोल दिया, ऐसे में हम हमारे पेशेंट को कहां ले जाएं।
महिला के भाई ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मैं अपनी बहन को जिला चिकित्सालय शाजापुर में डिलीवरी के लिए लेकर आया हुआ था, यहां पर मैंने उनको भर्ती भी करवा दिया, सुबह से ही डॉक्टर जायसवाल बोल रही है कि महिला की नॉर्मल डिलीवरी होगी और हमने डॉक्टर से कहा कि आप उसका ऑपरेशन कर दीजिए, लेकिन डॉक्टरों ने हमारी एक न सुनी और रात को हमसे कह दिया कि इंदौर ले जाओ। अब ऐसे में हम क्या करें अगर हमारे मरीज को कुछ होता है तो इसकी पूरी जवाबदारी डॉक्टर लक्ष्मी जयसवाल की रहेगी।
मीडिया से बात करते हुए फूट-फूट कर रोई गर्भवती महिला की मां बताया अपना दर्द
गर्भवती महिला की माताजी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सुबह 8 बजे हम हमारी लड़की को जिला चिकित्सालय शाजापुर लेकर आए थे मेरी बच्ची को डॉक्टर ने भर्ती कर लिया और कहा कि इसकी नॉर्मल डिलीवरी होगी, लेकिन रात को अचानक डॉक्टर ने कह दिया कि आपकी बच्ची को बाहर ले जाओ, यहां पर डिलीवरी नहीं हो पाएगी, ऐसे में अब हम क्या करें, कहां जाएं, डॉक्टर ने हमारी बच्ची को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
शाजापुर जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर का आलम यह है कि अस्पताल के अला अधिकारी मीडिया से बात करने के लिए तैयारी नहीं है, पूरे मामले से पल्ला झड़ते हुए नजर आए जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर के जिम्मेदार अधिकारी।