विधानसभा को लेकर प्रदेश की सत्ता पाने के लिए कांग्रेस एड़ी से लेकर चोटी का जोर लगा रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस मंगलवार को अपना वचन पत्र जारी करने जा रही है
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मंगलवार यानि आज पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, मध्य प्रदेश कांग्रेस वचन पत्र समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह की उपस्थिति में रविंद्र भवन में कांग्रेस पार्टी का वचन पत्र जारी करेंगे। कांग्रेस ने वचन पत्र के लिए प्रदेशभर के लोगों से सुझाव मांगे थे। अब उन्हीं सुजावों के आधार पर कमेटी ने वचन पत्र तैयार कर लिया है। वहीं, राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस अपने वचन पत्र के जरिए भाजपा को प्रभावित करने के कई बड़े दावे भी कर सकती है। कांग्रेस का फोकस आधी आबादी, युवा, किसान पर है। साथ ही आरक्षित वर्ग को ध्यान में रखकर नई घोषणाएं वचन पत्र में देखने को मिल सकती हैं। आइये जानते हैं, कांग्रेस के आगामी वचन पत्र में तौनतौनसी घोषणाएं संभावित हो सकती हैं।
वचन पत्र में क्या होगा
वचन पत्र में युवाओं के लिए स्व रोजगार को लेकर अलग-अलग बिंदुओं में कई योजनाएं हो सकती हैं। स्नातक बेरोजगारों और डिप्लोधारी युवाओं को मासिक भत्ता दिया जा सकता है।
– पीडीएस सिस्टम में गेहूं, चावल, तेल, नमक समेत पूरा पैकेट हर गरीब को 10 किलो मुफ्त अनाज देने की घोषमा की जा सकती है।
– आरक्षित वर्ग एससी-एसटी को रोजगार देने, आदिवासियों समेत सभी धर्मों के देव स्थलों के विकास की योजना समेत किसानों की आय बढ़ाने के लिए योजना की घोषमा हो सकती है।
महिला स्व सहायता समूह को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाने की बात से जुड़ी घोषणा हो सकती है।
– कांग्रेस अपने वचन पत्र में 1500 रुपए महीना देने के अपनी गारंटी में बदलाव कर बढ़ा सकती है। शिवराज सरकार अभी 1.32 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपए महीना दे रही है। मौजूदा सरकार ने इसी राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए तक करने का वादा भी किया है। ऐसे में अब आधी आबादी को साधने के लिए कांग्रेस इससे बड़ी कोई घोषमा कर सकती है।
– वहीं, कांग्रेस ने 500 रुपए में गैस सिलिंडर देने की घोषणा पहले ही की है, जिसे वचन पत्र में शामिल किया जाएगा।
– कांग्रेस नेता अपनी रैलियों के दौरान सरकार बनने पर प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने का एलान कर चुके हैं, ताकि जनसंख्या के अनुसार जातियों को भागीदारी दी जा सके। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 50 फीसदी बताई जाती है। कांग्रेस कमलनाथ सरकार में भी 27 प्रतिशत आरक्षण देने का दावा करती है। हालांकि, अब ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है