नवरात्रि के पांचवें दिन (Navratri 5th Day) मां स्कंदमाता (Maa Skandmata) की पूजा की जाती है. स्कंद यानी कार्तिकेय की माता होने के कारण देवी को स्कंदमाता का नाम मिला है. माता के इस रूप में उनके गोद में कार्तिकेय विराजमान रहते हैं. माना जाता है कि माता के इस ममतामयी रूप की पूजा अर्चना से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है.
पांच केलों को छीलकर एक इंच के टुकड़े काट लें. आंच पर कड़ाही चढ़ाएं और एक कप घी डालकर गर्म करें. कटे और मैश किए हुए केले घी में डाल दें. कुछ समय के लिए भुने और एक कप चीनी डाल दें. अब गाढ़ा होने तक पकाएं. आंच से उतारने के बाद इलायची पाउडर डालें.
पूजन विधि-
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रात: स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. पूजा के लिए हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें. देवी को अक्षत, धूप, गंध, फूल, बताशा, पान, सुपारी, लौंग चढ़ाएं. माता की आरती कर, शंख बजाएं और मंत्रों का जाप करें.
मां स्कंदमाता मंत्र जाप- (Maa Skandmata Mantra)
स्कंदमाता की पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें
या देवी सर्वभूतेषू मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: