Shardiya Navratri : नवरात्रि का पर्व भारत वर्ष में पुरे धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से स्कंदमाता की पूजा करता है. उसे ज्ञान की प्राप्त होती है. मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंद कुमार यानि स्वार्मी कार्तिकेय की माता माना जाता है, इसी के चलते उनका नाम स्कंद माता पड़ा.
मां स्कंदमाता की तस्वीरों में भगवान कार्तिकेय के बाल स्वरूप स्कंददेव को माता की गोद में बैठे देखा जा सकता है. संतान प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है. मां सिंह के साथ-साथ कमल पर भी विराजमान रहती हैं जिसकी वजह से इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है.
स्कंदमाता का प्रिय रंग और भोग
मान्यताओं के मुताबिक मां स्कंदमाता को सफेद रंग अतिप्रिय हैं. ऐसे में पूजा के दौरान सफेद वस्त्र पहनकर मां की आराधना करें. इसके अलावा भोग में मां केले अर्पित करें. इसके अलावा मां को खीर भी अर्पित कर सकते हैं. इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना से सुख और शांति प्राप्त होती हैं. मां की पूजा सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली और हर कष्ट दूर करने वाली मानी जाती है।
ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद सफेद वस्त्र धारण कर एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
- तस्वीर पर गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें और फिर पु्ष्प अर्पित करें.
- माता रानी को रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा आदि चीजें अर्पित करते हुए षोडशोपचार पूजा करें.
- माता को केले या खीर का भोग लगाएं और आरती करें.
- मां स्कदमाता के मंत्र का जाप करें और बाद में सभी में प्रसाद बांटें.