गरियाबंद जिले के एंजल एंग्लो हाई स्कूल सहित जिले भर में नवरात्रि पर 9दिनों तक गरबा की धूम मची हुई है। चारो ओर रास गरबा और डांडियों की गूंज से माहौल भक्तिमय और आनंद मय हो गया है। इसी कड़ी में गरियाबंद के एंजल एंग्लो हाई स्कूल में नवरात्रि के सातवें दिन पर गरबा का आयोजन किया गया नवरात्रि के पावन अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं हेतु गरबा डांस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने विषेश वेशभूशा पहनावे के साथ गरबा नृत्य किया।
समारोह के अवसर पर शाला के प्राचार्य, उपप्राचार्य, समस्त शिक्षक गण व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी मां सरस्वती के तैल चित्र पर प्राचार्य, उपप्राचार्य ने माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर पूजन वंदन कर किया। छात्र-छात्राओं ने नवरात्रि व दशहरा के संबंध में जानकारी देते हुए मां दुर्गा की पूजा व नवरूपों के बारे में वर्णन किया। इस पावन पर्व की महत्ता के साथ-साथ दशहरा पर्व की भी विस्तृत जानकारी दी। नवरात्रि के उपलक्ष्य में छात्राओं ने गरबा नृत्य की मनमोहक व नयनाभिराम प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर छात्राओं ने विविध संगीत व नृत्य की प्रस्तुति देकर वाहवाही लूटी।
विद्यालय के प्राचार्य स्टेफड़ बंस ने कहा
विद्यालय के प्राचार्य स्टेफड़ बंस ने कहा
नवरात्र के अवसर पर हमारे स्कूल में रास गरबा का आयोजन किया जा रहा है सभी बच्चे बढ़ चढ़ कर इस आयोजन में हिस्सा ले रहे है मुझे इन बच्चों को रास गरबा का आनंद लेते देख आत्मीय ख़ुसी हो रही है, जब मैंने अपने स्कूल की शूरवात की उस समय उनके पास 80-90 बच्चे ही थे पर आज उनके स्कूल में लगभग 750 बच्चे अध्यंन कर रहे है ये बतलता है कि हमारे स्कूल के प्रति पालकों का विश्वास हम लगतार शिक्षा के प्रति कार्य कर रहे है साथ ही हमारे स्कूल में पढ़ाई के साथ खेल कूद सांसकृतिक कार्यक्रम एवं सभी धर्मों का मान स्म्मान किया जाता है एवं सभी बच्चे इन कार्यकमों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी लेते है, एवं बच्चों की अन्य एक्टिविटी पर भी ध्यान दिया जाता है हमारा उदेशय है बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देना है ,
शिक्षिका गुरुनुर कुकरेजा ने कहा
कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में प्रतिभागीता करने से बच्चें अपनी संस्कृति को करीब से जानते हैं, नवरात्र में गरबा का बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान होता है क्लास 1 से ले कर क्लास 12 तक बच्चों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया साथ ही ऐसे आयोजन से बच्चों का मानसिक विकास होता है, शिक्षा के साथ साथ बच्चों का मानसिक विकास भी जरूरी है।जिसमें इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। बेहतर शिक्षा से ही छात्रों का भविष्य बदल सकता है।