कटंगी। MP NEWS : बालाघाट जिले में रेत माफियाओं के आतंक से पूरा जिला परेशान है. कथित तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं के संरक्षण पर जिले भर में रेत का अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है. ऐसे ही अवैध रेत खनन का मामला तिरोड़ी तहसील के ग्राम मासुलखापा से प्रकाश में आया है. यहां रेत माफिया बावनथड़ी नदी में आधुनिक मशीने लगाकर अवैध तरीके से रेत उत्खनन कर रहे थे. जिससे परेशान होकर शनिवार को महकेपार के ग्रामीणों ने सरपंच युवचंद सोनवाने के नेतृत्व में अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने के लिए सांकेतिक प्रदर्शन किया.
इससे पहले सभी ने बावनथड़ी नदी में पहुंचकर वहां अवैध खनन कर रही मशीनों और डंपरों को बाहर निकलवाया. दरअसल, रेत माफिया एक तरफ जहां मासुलखापा बावनथड़ी नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है. वहीं दूसरी तरफ पंचायत की 10 टन से भी कम क्षमता वाली सीसी सड़कों से करीब 40 से 50 टन की क्षमता वाले डंपरों का परिवहन करवा रहे है जिससे सड़क की हालत खराब हो चुकी है. इसके अलावा गांव के पीएम आवास हितग्राहियों को ही महंगे दामों में रेत बेची जा रही है.
हितग्राहियों को अभी एक ट्रैक्टर ट्राली रेत की कीमत 3 हजार रुपए तक चुकानी पड़ रही है. ग्रामीणों की माने तो रेत माफियाओं ने रेत का अवैध परिवहन करने के लिए अलग से अवैध सड़क भी बना ली है ताकि ग्रामीणों की नजरों से बचते हुए गांव के बाहर से ही वाहनों की आवाजाही हो सकें. रेत के अवैध डंपरों को मासुलखापा से श्मशान घाट नाले के किनारे से निकाला जाता है. चौकानें वाली बात तो यह है कि रेत घाट कहीं और स्वीकृत है और रेत मासुलखापा से निकाली जा रही है और रायल्टी कहीं और की काटी जा रही है.
बिना स्वीकृति हो रहा अवैध उत्खनन
दरअसल, रेत माफियाओं के द्वारा जिस स्थान पर मशीनें लगाकर रेत निकाली जा रही है उस स्थान पर रेत घाट स्वीकृत ही नहीं है. इसके बावजूद माफियाओं के द्वारा रेत उत्खनन की जा रही है. यहां रेत माफियाओं के गुर्गे बल का प्रयोग कर रेत निकासी का विरोध करने वाले स्थानीय ग्रामीणों को डराने-धमकाने का भी काम करते है. सरपंच के मुताबिक उन्होंने मासुलखापा में हो रहे रेत उत्खनन की शिकायत एसडीएम, एसडीओपी, चौकी प्रभारी से की थी लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. शनिवार को ग्रामीण भूषण बोरकर, तुलसी लोधी, टीकाराम सोनवाने, चन्द्रपाल परबते, विजय सोनवाने, रवि सोनवाने, उमाशंकर सोनवाने, लकेश सोनवाने, शाहरूख शेख, कमल लाडे, महेश धुर्वे, भोलाराम देशमुख, चितरंजन सोनवाने, अशोक सोनवाने, अशोक बिसेन, आशिफ खान, रामदयाल लाडे, रवि सोनवाने, खिलाराम सोनुसार सहित अन्य ने महकेपार मासुलखापा रोड़ पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया.