वाराणसी। NATIONAL NEWS : बनारस शहर को मांस मदिरा मुक्त करने की मांग तेज हो गई. शक्ति आराधना के महापर्व शारदीय नवरात्रि के बीच 10 हजार स्टूडेंट्स ने इसको को लेकर आवाज उठाई है. वाराणसी में लगी पेंटिंग प्रदर्शनी में अलग-अलग स्कूलों के छात्रों ने इस अभियान को अपना समर्थन दिया है. इसके अलावा शहर के जाने माने विद्वान, समाजसेवी और ज्योतिषी भी इस मुहिम से जुड़ गए हैं.
दरसअल काशी में आगमन समाजिक संस्था और ब्रह्म सेना लगातार इसके लिए अभियान चला रही है. इसी अभियान के तहत शहर के डिवाइन सैनिक स्कूल में स्टूडेंट्स द्वारा इस थीम पर बनाई गई पेंटिंग्स की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई. इसे सुबह से शाम तक करीब 10 हजार स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स ने देखा. इन पेंटिंग्स के जरिए स्टूडेंट्स ने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से काशी को मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की है.
25 स्कूलों के 2500 विद्यार्थियों ने लिया हिस्सा
अभियान के प्रमुख डॉ. संतोष ओझा ने बताया कि 25 स्कूलों के करीब 2500 स्टूडेंट्स ने संस्था के अभियान तूलिका के तहत तैयार इन पेंटिंग को तैयार किया है.उन्होंने कहा कि काशी एक ऐतिहासिक और पौराणिक शहर है. ऐसे में मोदी सरकार और योगी सरकार को अयोध्या और मथुरा के तर्ज पर काशी के पंचकोशी क्षेत्र में भी मांस और मदिरा के बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहिए।