हफीज़ खान/राजनांदगांव। Durga Puja 2023 : राजनांदगांव शहर के कालीबाड़ी में बंगाली समाज द्वारा विधि-विधान से मां दुर्गा की आराधना की गई। विजयदशमी के दिन माता को सिंदूर चढ़ाकर सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला का आयोजन किया। शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन जब मां दुर्गा जब वापस जाती हैं तो उनकी विदाई के सम्मान में सिंदूर की होली खेली जाती है। यह पर्व सामाजिक एकता और आनंद की भावना को दर्शाता है।
प्रतिवर्ष राजनांदगांव शहर के बंगाली समाज द्वारा विधि विधान से मां भवानी की पूजा-अर्चना नवरात्र के अवसर पर की जाती है। यहां बंगाली समाज द्वारा पंचमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है और दशहरा तक विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। इस वर्ष यहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना की 38 वीं वर्षगांठ मनाते हुए विभिन्न धार्मिक आयोजन किए गए।
नवरात्रि के पंचमी से लेकर विजय दशमी तक बंगाली समाज द्वारा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए गए, इस दौरान सार्वजनिक दुर्गा पूजा, बंगाली महिला समिति द्वारा विजयदशमी के दिन मां दुर्गा को सिंदूर चढ़ाकर सिंदूर खेला का आयोजन किया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा अपने मायके आई हुई थी और वह अपने ससुराल लौट रही थी। इस दौरान मां दुर्गा को विदा करने सिंदूर खेला का आयोजन किया जाता है, जिसमें विवाहित महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती है।
मां दुर्गा की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाने और एक दूसरे को सिंदूर लगाने की इस परंपरा को “सिंदूर खेला” नाम से जाना जाता है। सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं इस परंपरा के तहत सिंदूर खेला के रस्म को निभाती है। मां दुर्गा महोत्सव पर सिंदूर खेला का इतिहास लगभग 450 साल से भी अधिक पुराना है। बंगाली समुदाय में विजयदशमी के दिन सिंदूर खेला के साथ-साथ धनुची नृत्य की परंपरा भी निभाई जाती है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनुची नृत्य करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और बच्चों की रक्षा करती है।