प्याज की कीमतें बढ़नी शुरू हो गई हैं. देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक सूबे महाराष्ट्र में इसका भाव 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि दाम और बढ़ सकते हैं. इससे किसानों को राहत मिली है लेकिन उपभोक्ता परेशान हैं. चुनावी सीजन में प्याज के बढ़ते दाम ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि इतिहास गवाह है कि प्याज की महंगाई से गिरे उपभोक्ताओं के आंसुओं के सैलाब में कई बार सरकार तक बदल गई हैं। बीते 15 दिन में 5 रुपए किलो से बढ़कर 25 रुपए किलो पर पहुंच गए हैं। जबकि प्याज की कीमत थोक बाजार में 50-60 रुपए किलोग्राम हो गई है।
जुलाई से लेकर आज प्याज की कीमतों की तुलना करें तो ये करीब 50 फीसदी महंगी हो चुकी है. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर्स अफेयर्स पर दिए गए कमोडिटी के आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई 2023 को प्याज के रिटेल दाम 24.17 रुपये प्रति किलो थे जो कि आज 27 अक्टूबर को बढ़कर 35.94 रुपये प्रति किलो पर आ चुके हैं. इस तरह देखा जाए तो प्याज के औसत दामों में 49 फीसदी की तेजी आ गई है.
थोक बाजार में भी 30 फीसदी बढ़े दाम
महाराष्ट्र की थोक मंडियों में भी प्याज के दाम में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है और ये करीब 30 फीसदी की उछाल के साथ बिक रही हैं. महाराष्ट्र की थोक मंडियों में एक हफ्ते में ही प्याज 30 फीसदी महंगी हो चुकी है. यहां प्याज के रेट पिछले हफ्ते 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर थे जो कि इस हफ्ते 3250 रुपये प्रति क्विंटल पर आ चुके हैं.
क्यों बढ़ रहे हैं प्याज के दाम
खरीफ की फसलों की आमद में देरी की वजह से लाल प्याज की उपलब्धता कम हो गई है जिसके चलते प्याज के दाम नई ऊंचाई पर जा रहे हैं. सप्लाई की कमी के चलते प्याज के रेट में लगातार उछाल आता जा रहा है. इसके पीछे मुख्य वजह रही है कि महाराष्ट्र में मानसून देरी से और असमान रहा है और इसके साथ-साथ कर्नाटक की प्याज बेल्ट में भी उत्पादन कम रहा है जिसका असर प्याज की सप्लाई पर देखा जा रहा है.