दिल्ली-एनसीआर की हवा इस समय प्रदूषण के कारण जहरीली हो गई है. AQI तमाम जगहों पर 500 के करीब पहुंच रहा है, जिसे बेहद गंभीर माना जाता है
वायु प्रदूषण को लेकर डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि इस वायु प्रदूषण से सभी आयु वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं. यहां तक कि एक बच्चा जो अपने मां के गर्भ में है, जो इस वातावरण में सीधेतौर पर सांस भी नहीं ले रहा है, वो भी इसके प्रतिकूल प्रभाव से अछूता नहीं है. जब बच्चे की मां इस प्रदूषित हवा के बीच सांस लेती है तो ये विषाक्त पदार्थ उसके फेफड़ों में चले जाते हैं और फेफड़ों के जरिए वे रक्त में चले जाते हैं और नाल के जरिए वे भ्रूण तक पहुंच रहे हैं.
5 घंटे तक कम हो रही है जिंदगी
विशेषज्ञों के अनुसार, 300 से 400 के बीच AQI में रहने के मतलब यह है कि लोगों की जिंदगी रोजाना करीब 4-5 घंटे कम हो रही है. कुछ वर्ष पहले हुए एक अध्ययन में सामने आया था कि राजधानी दिल्ली में रहने वालों की जिंदगी के 6.3 साल कम हो रहे हैं. माना जाता है कि भारत में लोगों की औसत आयु 70.15 वर्ष है. इस लिहाज से दिल्ली में लोगों की औसत आयु 63 वर्ष ही है.