बिलासपुर। CG BIG NEWS : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने शिक्षक भर्ती घोटाले (Teachers Recruitment Scam) में बड़ा फैसला सुनाया है. पोस्टिंग मामले में हाईकोर्ट से शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा 4 सितंबर 2023 को जारी आदेश को निरस्त करते हुए शिक्षकों को प्रमोशन से पहले कार्यरत स्कूलों में 15 दिन के अंदर ज्वाइन करने की छूट दी है।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर कमेटी को नए सिरे से विचार करने के निर्देश दिए है. इसके लिए 15 दिनों के भीतर अभ्यावेदन देने के साथ ही समिति को 45 दिनों में फैसला देने के भी निर्देश दिए है. वहीं हाईकोर्ट ने शिक्षकों की पदस्थापना और वेतन को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए है. स्कूल शिक्षा विभाग को अब पुराने तरीके से शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए निर्णय लेना होगा. वहीं हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद शिक्षकों में खुशी का माहौल है।
हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को शिक्षकों को वेतन व्यवस्था के लिए पुरानी पदस्थापना वाले स्कूलों में ज्वाइन करने के लिए निर्देशित किया है. बता दें, शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में धांधली के चलते शिक्षा विभाग ने ढाई हजार से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त की थी. मगर अब इन शिक्षकों की पोस्टिंग को फिर से बहाल कर दिया गया है।
बड़ी संख्या में शिक्षक गए थे हाईकोर्ट
इस पूरे मामले में हाई कोर्ट की ओर से ढाई हजार से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त करने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक हाईकोर्ट गए थे. इसके साथ ही प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए है. याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर कमेटी नए सिरे से विचार करेगी. कहा जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग को अब पुराने तरीके से ही शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए निर्णय लेना होगा, जिसके लिए हाईकोर्ट ने समय भी दिया है.
सरकार के आदेश को किया निरस्त
इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश जारी किया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने बीते 4 सितंबर को शासन द्वारा जारी किए गए आदेश को अब निरस्त कर दिया है. 15 दिनों के भीतर अभ्यावेदन देने और समिति को 45 दिनों में फैसला देने के निर्देश दिए गए है. शिक्षकों को अपने पिछले पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी गई है. बता दें, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद बीते 3 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था.
गौरतलब हैं शिक्षकों और प्रधान पाठकों के प्रमोशन के बाद नए सिरे से पोस्टिंग की गई। काउंसलिंग के बाद पोस्टिंग के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत की गई। राज्य शासन ने सभी संभाग के संयुक्त संचालकों को जांच के आदेश दिए थे, इसमें गड़बड़ी की पुष्टि होने पर कार्यवाही करते हुए पोस्टिंग के आदेश निरस्त कर दिए गए थे ।कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की गई ,पोस्टिंग आदेश निरस्त होने पर शिक्षकों में भारी नाराजगी थी। उन्होंने इसे लेकर विरोध स्वरुप अपने-अपने क्षेत्र के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी सौंपा था ।