उत्तरकाशी जिले में दिवाली के दिन बड़ा हादसा हुआ है. सुरंग का एक हिस्सा टूटने से दर्जनों मजदूर अंदर फंस गए. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है।
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सुरंग के निर्माण कार्य में 700-800 से अधिक मजदूर दिन-रात जुटे हैं. उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग आर-पार हो जाएगी. सुरंग बनने से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 25 किमी कम होगी और समय भी 50 मिनट बचेगा. साथ ही उत्तरकाशी जिले की रवाई घाटी को शीतकालीन की बर्फबारी से मार्ग बंद होने की समस्या दूर होगी. रवाई घाटी में करीब दो लाख की आबादी निवास करती है. साल 2019 में 7 जनवरी से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की देखरेख में यमुनोत्री हाईवे पर सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से किया जा रहा है.
ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है-ऑफिसर प्रशांत कुमार
इस हादसे पर उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया, ‘सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं. सभी सुरक्षित हैं, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है…’प्रशांत कुमार ने इसके साथ ही बताया, ‘वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया. हम सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक गए हैं, और लगभग 35 मीटर अभी भी तय करना बाकी है. अंदर फंसे लोगों से संचार स्थापित की जा चुकी है और वे सभी सुरक्षित हैं. हमने ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है
मौके पर प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी
सिलक्यारा की तरफ से निर्माणाधीन टनल का एक छोर आज सुबह अचानक टूट गया है. शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग में करीब दर्जनों मजदूर फंस गए. जिला प्रशासन ने 40 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई है. पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी के नेतृत्व में पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर, आपातकालीन 108 और कार्यदायी संस्था एनएचआइडीसीएल मौके पर बोरवेलिंग और सुरंग खुलवाने का काम कर रहे हैं. सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपबल्ध होने की बात कही जा रही है