सीएम Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली सरकार की ओऱ से जारी आदेश के मुताबिक राज्य में अब हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया गया है. दरअसल, ऐसी शिकायत मिली थी कि कुछ कंपनियां रोजमर्रा की जरूरत के उत्पादों को हलाल सर्टिफाइड कर बेच रही हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को लेकर नाराजगी जताई थी. इसके बाद ही तय माना जा रहा था कि इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार कोई सख्त कदम उठाएगी. उत्पादों को हलाल सर्टिफाइड करने वाली 9 कंपनियों के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में FIR भी दर्ज कराई गई है. यह FIR शैलेंद्र शर्मा नाम के व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज हुई है. इन कंपनियों में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई और जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली और कुछ अज्ञात कंपनियां शामिल हैं. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी, 153 ए, 298, 384, 420, 468, 471 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया है.
शिकायत के बाद किया बैन
लखनऊ (Lucknow) के हजरतगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. शैलेंद्र शर्मा नाम के एक व्यापारी ने थाने में शिकायत दी थी. शैलेंद्र शर्मा की शिकायत के आधार पर हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई समेत कुछ कंपनियों के खिलाफ केस किया गया था