भोपाल। MP BREAKING : एमपी में चुनाव संपन्न होने के बाद सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम में रखे गए हैं। स्ट्रांग रूम के बाहर सख्त पहरा है। जिला निर्वाचन अधिकारी दिन में दो बार निरीक्षण के लिए जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने इस बार काउंटिंग को लेकर खास तैयारी की है। साथ ही अधिकारियों को कई बड़े निर्देश जारी किए गए हैं। चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि 30 नवंबर तक एग्जिट पोल पर पूरी तरह से बैन रहेगा।
मुख्य निर्देश
मध्य प्रदेश में मतगणना केंद्रों में मोबाइल फोन लेजाना प्रतिबंधित रहेगा, VIP लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा। राज्य के मंत्री हो या फिर केंद्र के मंत्री, मतगणना केंद्रों में उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा। केवल विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार को ही मतगणना केंद्र में आने की अनुमति होगी। इसके लिए चुनाव आयोग ने स्थिति साफ कर दी है। इसके अनुसार मंत्री, सांसद, विधायक और महापौर गणना एजेंट भी नहीं बन सकेंगे। साथ ही शासकीय कर्मचारी भी पार्टियों के एजेंट नहीं बन सकेगें। इधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने भी मंगलवार को मतगणना के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में राजन ने सभी जिला कलेक्टरों से चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने काउंटिंग को लेकर सभी जिलों में की जा रही तैयारियों को लेकर कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए। कलेक्टर्स ने भी तैयारियों के संबंध में उन्हें अवगत करवाया। इसके साथ ही स्ट्रांग रूम में रखी गईं ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी राजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कैमरा बंद होने की मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए।
‘कड़ी सुरक्षा में रखी गईं ईवीएम’
इस पर कलेक्टरों ने राजन को बताया कि ईवीएम को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। पुलिस बल और केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से ईवीएम की निगरानी की जा रही है। इसके साथ सीसीटीवी कैमरों से भी बराबर मॉनिटरिंग की जा रही है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और प्रत्याशी ईवीएम को देख पाएं, इसके लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। उनके लिए परिसर में बाहर स्क्रीन लगाई गई है।
चुनाव आयोग की तरफ से सभी जगहों पर निर्देश दिए गए हैं कि मतगणना केंद्रों पर विद्युत आपूर्ति प्रभावित नहीं हो सभी व्यवस्थाएं वहां सुचारू तरीके से चलती रहे। साथ ही प्रत्येक मतगणना टेबल पर एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर भी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
वोटिंग के बाद भी एमपी में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। ऐसे में एग्जिट पोल को लेकर भी चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि 7 नवंबर से ही एग्जिट पोल पर बैन है। 30 नवंबर की शाम साढ़े छह बजे तक निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन नहीं किया जाएगा। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है कि ऐसी अवधि में दो वर्ष तक की सजा हो सकेगी। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
गार्ड की भी रहेगी नो एंट्री
मंत्रीगण केवल उस स्थिति में ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश पा सकेंगे, जब वे खुद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हों। वे केवल उसी विधानसभा क्षेत्र के मतगणना कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे, जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र गार्डों को मतगणना केंद्र के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
इस दिन होनी है काउंटिंग
प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ है। अब तीन दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर वोटों की गिनती की जाएगी। सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और आमजन को परिणामों का इंतजार है।