जगदलपुर : स्टील प्लांट से निकल रहे प्रदूषित पानी के अव्यवस्थित निस्तारण पर प्रशासन मौन
जगदलपुर। जिले के नगरनार स्टील प्लांट में विभिन्न प्रक्रियाओं के दौरान जो पानी इस्तेमाल किया जाता है,
उसके निस्तारण की व्यवस्था नहीं की गई है। प्रदूषित पानी नालियों के रास्ते आस-पास स्थित खेतों, उपजाऊ जमीन और निस्तारी तालाब में पहुंच रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का पानी ग्रामीणों के नहाने, निस्तार और मवेशियों के पीने एवं उन्हें नहलाने के लायक नहीं रह गया है। प्रभावित ग्रामीण इस बारे में कई बार प्लांट प्रबंधन और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा चुके हैं,
लेकिन हर बार उन्हें मुआवजे का भरोसा दिलाकर शांत करा दिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजे से फौरी राहत तो मिल जाएगी,
लेकिन अगर जहरीले पानी को खेत तक आने से नहीं रोका गया तो जमीन पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी और उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं रह जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना को लगभग तीन साल बीतने को हैं, लेकिन एनएमडीसी और प्लांट प्रबंधन ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की दिशा में अब तक कोई ध्यान ही नहीं दिया है।
इसके लिए स्टील प्लांट प्रबंधन जितना जिम्मेदार हैं, उससे अधिक जिला प्रशासन भी जिम्मेदारहै।
क्योंकि प्रदूषित पानी के व्यवस्थित निस्तारण एवं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा संज्ञान नही लिया जाना निंदनिय कहा जाना चाहिए।
नगरनार सरपंच लैखन बघेल का कहना है कि ग्रामीण और सभी पंचायत प्रतिनिधि स्टील प्लांट के प्रदूषित पानी के अव्यवस्थित निस्तारण का विरोध करते आ रहे हैं,
लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।आज तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की भी स्थापना नहीं की गई है, जिसके चलते स्थिति बद-से-बदतर होती जा रही है।