उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग (Uttarakhand Tunnel Collapses Rescue Operation) में 41 मजदूरों को फंसे आज 17वां दिन है, लेकिन अब तक उम्मीद की कोई किरण नहीं दिख रही है. अधिकारी लगातार कह रहे हैं कि उनको बहुत जल्द सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. लेकिन हकीकत यह है कि रेस्क्यू के बीच में एक के बाद एक परेशानियां आ रही हैं.
सिलक्यारा छोर से खुदाई कर रेक्स्यू पाइप डालने की कोशिश के बीच 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से 12 मीटर पहले ही अमेरिका से लाई गई ड्रिलिंग मशीन के ब्लेड टूट गए, जिसकी वजह से रेस्क्यू को बीच में रोक मशीन का ब्लेड बाहर निकालना पड़ा। उत्तराखंड में खराब होता मौसम रेस्क्यू के बीच नई पेरशानी खड़ी कर सकता है. मौसम विभाग ने राज्य में अगले 24 घंटे के लिए बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जताई है. वैज्ञानिक भी मान रहे हैं कि इससे रेस्क्यू में परेशानी आ सकती है।
परिवार के सदस्यों को भी उनसे बात करने की परमिशन दे दी गई
सुरंग में फंसे मजदूरों के परिवार के सदस्यों को भी उनसे बात करने की परमिशन दे दी गई है. वह जब चाहें उनसे बात कर सकते हैं. इसके लिए प्रशासन ने टनल के पास उनके रहने के लिए कैंप लगवाए हैं। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखा जा रहा, उनके परिवारों से उनकी बात करवाई जा रही है।