मौसम बदला नहीं कि सबसे पहले सर्दी, ज़ुकाम और खांसी की आवाज़ सभी घरों से आनी लगती है। जुकाम को नजला या cold and cough भी कहते हैं। यह श्वसन तंत्र का संक्रमण के कारण होने वाला रोग है।
काली मिर्च
काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम से आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम होता है साथ ही आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर एक गिलास गर्म दूध के साथ दिन में दो बार पिएं।
सरसों का तेल
सोते समय दोनों नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम रोगन या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।
अदरक
कफयुक्त खांसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं। अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है। 1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने की समस्या से आराम मिलता है।
लहसुन
लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक रसायन एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल होता है। यह सर्दी-जुकाम के संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए 6-8 लहसुन की कलियों को घी में भूनकर खाएं।
गाय का घी
गाय के शुद्ध देसी घी को पिघलाकर दो बूंद सुबह नाक में डालें। ऐसा नियमित रूप से तीन महीने तक करें। इससे पुराना से पुराना जुकाम भी ठीक हो जाता है।