धान की खरीदी के लिए केंद्रों के न खोले जाने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। अचानक बे मौसम हुई बारिश के चलते किसानों की धान बर्बाद होती नजर आ रही है बेमौसम बारिश से वह धान पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है जो खरीदी के इंतजार में केंद्रों के बाहर रखी गई है।
दरअसल किसानों के खेतों और खरीदी केंद्रों के बाहर बड़ी तादाद में धान पड़ी हुई है और किसानों ने इस उम्मीद में धान की कटाई करके रखी है कि जल्द ही सरकार के खरीदी केंद्र शुरू होंगे और उन्हें उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सकेगा लेकिन चुनाव के चलते धान खरीदी की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। जबलपुर जिले में दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है जिससे खुले में पड़ी धान तो बर्बाद हो ही गई है साथ ही अब किसानों को यह चिंता भी सता रही है कि अगर आने वाले दिनों में इसी तरह का मौसम रहेगा तो उनकी बची खुची फसल भी खराब हो जाएगी। प्रशासन ने 1 दिसंबर से धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए 50 हज़ार से ज्यादा किसानों ने अपने स्लॉट बुक करवाए हैं इस बार जिले में साढ़े पाँच लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।