तमिलनाडु के डिंडीगुल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक अधिकारी को एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है. सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) ने ED अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है
मिली जानकारी के अनुसार डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद, DVAC अधिकारियों की एक टीम ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में ‘पूछताछ’ की, राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर पहरा दे रहे थे. DVAC की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में गिरफ्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई है. जो केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में एक प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत है. DVAC अधिकारियों ने तिवारी के घर पर भी छापा मारा था.
कैसे हुई गिरफ्तारी?
DVAC के सूत्रों ने कहा कि ED अधिकारी को तब रोका जब वह महाराष्ट्र रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार में 20 लाख रुपये नकद ले जा रहे थे. SP सरवनन के नेतृत्व में DVAC टीम डिंडीगुल के चेट्टीनाइकनपट्टी के पास वाहन चेकिंग अभियान चला रही थी. तभी उन्होंने नागपुर के एक नागरिक को ले जा रही एक कार को रोका. जैसे ही पुलिस टीम को संदेह हुआ तो उन्होंने कार की जांच की. कार की तलाशी में 20 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद हुई. इसके बाद कार और यात्री दोनों को कस्टडी में ले लिया गया.
15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डीवीएसी कार्यालय से ले जाकर डिंडीगुल में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 2016 बैच के अधिकारी तिवारी ने पहले गुजरात और मध्य प्रदेश में काम किया था और वर्तमान में मदुरै में तैनात है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंकित तिवारी की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वह पांच साल से ज्यादा समय से ईडी के साथ काम कर रहे हैं.