शाजापुर। मतदान के बाद रविवार को ईवीएम से भगवामय परिणाम मिले और जिले की तीनो विधानसभा पर भाजपा का परचम लहराया। कांग्रेस के सात बार प्रत्याशी रहे हुकुमसिंह कराड़ा जिन्होंने पिछला चुनाव बड़े अंतर से जीता था जिन्हें भाजपा प्रत्याशी अरूण भीमावद ने ही 28 मतों से हराकर हिसाब बराबर किया। जैसे ही जीत की घोषणा हुई पूरे शहर और जिले में भाजपाईयों ने जमकर खुशी मनाई। किसी ने आतिशबाजी की तो किसी ने ढोल की थाप पर थिरकते हुए भाजपा की जीत की खुशी मनाई।
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सुबह 8 बजे से मतों की गणना शुरू हो गई थी। एक-एक कर परिणाम बाहर आने लगे। सबसे पहले शुजालपुर के मतों की गणना हुई। जिसमें शुरू से ही मंत्री और विधायक इंदरसिंह परमार ने बढ़त बनाए रखी जो दोपहर तक जीत में बदल गई। इसके बाद बारी थी कालापीपल की जिसमें भाजपा की ओर से मैदान में उतरे नवीन प्रत्याशी घनश्याम चंद्रवंशी ने 2018 के जीते हुए प्रत्याशी कुणाल चौधरी को 11 हजार 941 मतों से मात दी। अंत में शाजापुर विधानसभा की बारी आई। जिसमें जरूर पलड़ा इधर-उधर हुआ, लेकिन अंत में जीत अरूण भीमावद के हिस्से आई, जिन्हें कार्यकर्ताओं ने कंधो पर उठाया और बाहर लाकर उनके साथ जमकर जीत की खुशी मनाई।
पोस्टल बैलेट से तय हुआ रिजल्ट
20 राउंड में हुई शाजापुर विधानसभा की मतगणना में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। ईवीएम के परिणामों में पहले अरूण भीमावद 150 मतो से चुनाव जीत चुके थे। इसके बाद डाकमत पत्रों की गिनती होना थी। जिसमें भी अरूण भीमावद ने सात मतों से जीत दर्ज कर ली थी। लेकिन इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने रीकाउंटिंग की अपील कर दी। जिसके बाद फिर काउंटिंग की गई। जिसमें दोबारा परिणाम अरूण भीमावद के पक्ष में गए और वे 7 के बजाए 28 मतों से जीत दर्ज करने में सफल रहे।
2018 के बाद 23 में भी पराजित हुए सिकरवार
जिले की सबसे हॉट सीट बनी शुजालुपर में भी भाजपा का परचम लहराया और यहां भी भाजपा के प्रत्याशी इंदरसिंह परमार ने एकाध राउंड में पिछड़ने के बाद सिकरवार को आगे नहंी आने दिया। आखिरकार अंत में इंदरसिंह परमार ने 15 हजार 271 के भारी मतों से जीत दर्ज कर 2018 का इतिहास दोहरा दिया। इस सीट के परिणाम पर केवल शहरवासी ही नहीं बल्कि पूरे जिले की निगाहें जीम हुई थी। क्योंकि यहां से दो-दो कांग्रेस प्रत्याशियों ने आवेदन जमा किए थे। जिसके बाद रामवीरसिंह सिकरवार पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया। यही नहीं पिछला चुनाव रामवीरसिंह सिकरवार केवल 5 हजार के मतों से हारे थे। लेकिन पूरे पांच साल की उनकी सक्रियता कोई काम नहीं आई और वे इस बार तीन गुना मतों से चुनाव हार गए।
विरोध के बाद बनाई अपनी छबि, अंत में मिली जीत
जब टिकिट वितरण हुआ था तब प्रत्याशियों के चयन को लेकर प्रदेश की कई सीटों पर बवाल हुआ था। जिसमें जिले की कालापीपल विधानसभा सीट भी शामिल थी, जहां चंद्रवंशी को बाहरी प्रत्याशी बताते हुए उनका भी विरोध किया गया था। लेकिन भाजपाकी जनकल्याणकारी योजनाओं के आगे विरोध धरा का धरा रह गया और लोगों ने चंद्रवंशी के पक्ष में मतदान कर भाजपा पर भरोसा जताया। जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से यह विधानसभा छीनने वाले कुणाल चौधरी को उन्होंने 11 हजार 571 मतों से हराकर अपने चयन को सार्थक साबित किया।
मोदी की राम-राम से बन गया भाजपा का काम
दीपावली के ठीक बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर को शाजापुर शहर का दौरा किया था। जहां उन्होंने आमसभा को संबोधित कर पूरे शहर पर अपना जादू चलाया था। अंत में अपने भाषण में वहां उपस्थित जनसमुदाय से कहा था कि घर जाकर सभी लोग अपने परिचितों, परिजनों और रिश्तेदारों को मेरा राम कहना। पीएम श्री मोदी के यह शब्दों ने ऐसा असर किया कि पूरी विधानसभा में कमल खिल गया और जिलेवासियों ने कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों को नकारकर हार की कगार पर पहुंचा दिया।
किसे कितने मत मिले
कालापीपल विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 169
प्रत्याशी का नाम पार्टी प्राप्त मत
कुणाल चौधरी कांग्रेस 86451
घनश्याम चंद्रवंशी भाजपा 98216
जीवनसिंह मालवीय बसपा 894
अजबसिंह मीना जय लोक पार्टी 298
योगेश मालवीय आजाद समाज पार्टी 3153
चतुर्भुज तोमर निर्दलीय 4087
चंद्रशेखर बारोड़ निर्दलीय 787
शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 168
ये प्रत्याशी है चुनाव मैदान में
इंदरसिंह परमार भाजपा 96054
कवि मनोहर बौद्ध बसपा 1113
रामवीरसिंह सिकरवार कांग्रेस 82394
कैलाश चौडिय़ा आजाद समाज पार्टी 2873
बाबुलाल मालवीय समाजवादी पार्टी 247
इंदरसिंह परमार निर्दलीय 154
इब्राहिम बेग निर्दलीय 465
जोगेंद्रसिंह परमार निर्दलीय 466
डॉ. काजीएस रेहमान निर्दलीय 265
शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 168 (कुछ देर बाद)