7 दिसंबर का इतिहास भारतीय परिप्रेक्ष्य में बेहद अहम है. आज के दिन सशस्त्र सेना झंडा दिवस (Armed forces flag day) मनाया जाता है. आजादी के बाद साल 28 अगस्त 1949 में भारत सरकार द्वारा भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया गया. इस समिति ने प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को झंडा दिवस मानाने के लिए चुना
भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के पीछे की एक खास वजह है। भारत कई दशकों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। हालांकि 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र घोषित हो गया। इसके बाद भारत का संविधान बना और यह एक लोकतांत्रिक देश बन गया। हमारे सामने एक बड़ी चुनौती थी देश की सीमा की रक्षा करना। इसके लिए सेनाएं अस्तित्व में आईं, जिन्हें मजबूत किया जाने लगा। आजादी के दो साल बाद 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार ने भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया।
7 दिंसबर को ही क्यों होता है सेना झंडा दिवस?
सेना के जवानों के कल्याण के लिए गठित समिति ने प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला लिया। इस समिति ने धन जमा करने के लिए लोगों के बीच छोटे झंडे बांटे और इससे चंदा एकत्र किया। उस दौरान झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) थे। ये रंग तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते हैं।
समिति क्यों एकत्र कर रही थी धन?
झंडे से चंदा एकत्र करके धमा जमा करने के पीछे समिति के तीन मुख्य उद्देश्य रहे। पहला, जंग के समय जनहानि पर सहयोग करना। दूसरा, सेना के कर्मियों और उनके परिवार का कल्याण व सहयोग करना और तीसरा, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार का कल्याण करना।