मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ईट खेड़ी स्थित घासीपुरा इलाके में 8 से 11 दिसंबर को होने वाले आलम तब्लीगी इज्तिमा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इंटखेडी स्थित इज्तिमागाह पर हर रोज बड़ी तादाद में पहुंचकर लोग श्रमदान यानी खिदमत कर रहे और तैयारियों पूरा करने में मदद कर रहे हैं। इधर शहर की विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग प्रदेशों की जमातों का आना शुरू हो गया है। फिलहाल स्थानीय लोग मुलाकातों और इज्तिमा की दावत देने में जुटी हुई हैं हैं।
इज्तिमा का आयोजन 8 दिसंबर से शुरू होकर 11 दिसंबर को दुआ-ए-खास के साथ पूरा होगा। इस बार देशभर की जमातों के यहां पहुंचने की उम्मीद पिछले साल सुरक्षा और अहतियाती कारणों के चलते इज्तिमा आयोजन को संक्षिप्त करते हुए इसे प्रदेश स्तर तक ही समेट दिया गया था। 8 दिसंबर से शुरू होने वाले आलमी तब्लीगी इज्तिमा की तैयारियों का दौर दो महापूर्व ही शुरू हो गया था।
इज्तिमे की सभी तैयारी कर ली गई है वुज़ू खाने, टॉयलेट, खाने के ज़ोन, पार्किंग, बिजली, लाऊड-स्पीकर, पंडाल वगैरह सभी ज़रूरी काम हो चुके है। तारीख 8 से 11 चार दिनी इज्तिमा में देश और विदेश के लगभग 12 लाख लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है, प्रशासन के साथ ही बिजली-विभाग, पीडब्ल्यूडी, नगर-निगम, अस्पताल, अग्निशमन, जैसे महत्वपूर्ण विभाग भोपाल के आलमी तब्लीगी इज्तिमे में अपनी सेवाएं दे रहे है, वहीं पार्किंग को सुव्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस के साथ हज़ारो मुस्लिम वालेंटियर्स सड़को पर पार्किंग की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मोर्चा संभाल चुके है। वहीं पॉलीथिन प्रतिबंधित रहेगी और हर बार की तरह इस बार भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा इसके लिए नगर-निगम की गाड़ियां कचरे को उठाने के लिए इज्तिमागाह में मौजूद रहेंगी। इस बार मेन पंडाल वाटरप्रूफ लगाया गया है, जिससे पानी गिरने की स्थिति में नमाज़ और बयान में किसी किस्म का विघ्न ना पड़े।
कोरोना काल में 2020 और 21 को आलमी तब्लीगी इज्तिमे का आयोजन नही हो पाया था और पिछले साल हुए आयोजन में देश भर के हर सूबे और इलाको से लोग इज्तिमे में शिरकत के लिए आए थे और विदेशों से जमातों को नहीं बुलाया गया था, इस बार देश-विदेश की हज़ारो जमाते भोपाल इज्तिमा में शिरकत के लिए आएंगी मलेशिया, इंडोनेशिया, जकार्ता, अमेरिका, तुर्की, सोमालिया, फ्रांस, कजाकिस्तान, ईरान, अरब, बांग्लादेश, श्रीलंका, जैसे देशों की जमातों को इस बार भोपाल के आलमी तब्लीगी इज्तिमा में शिरकत के लिए न्यौता भेजा गया है, हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान की जमातों को नही बुलाया गया है, पाकिस्तान को छोड़कर दुनिया भर से कहीं से भी लोग और जमाते इज्तिमे में शिरकत कर सकते है।
1947 से शुरू हुए भोपाल का तब्लीगी इज्तिमा सबसे पहले मस्ज़िद शकूर ख़ाँ में शुरू हुआ था उसके बाद हर साल लोगो की तादाद बढ़ने पर इसे भोपाल की ताजुल-मसाज़िद में शिफ्ट किया गया था लेकिन वहां भी लोगो की भारी आमद की वजह से जगह की कमी होने पर इसे शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ी के घासीपुरा में संचालित किया जाने लगा है। इज्तिमे में दिल्ली मरकज़ से आए मौलाना साद साहब, मौलाना यूसुफ साहब, मौलाना इलियास साहब, मौलाना सईद साहब, मौलाना मुश्ताक साहब, मौलाना शौकत साहब आदि उलामा 4 दिन तक ईमान और दीन की मोटी-मोटी बाते लोगो को बतलाते है, अल्लाह की राह में निकलना, लोगो का हक अदा करना, अल्लाह के हर हुक्म को यकीन के साथ नबी के तरीके पर पूरा करना, हर इंसान के हको को वो मुस्लिम हो या गैर-मुस्लिम सभी के हको को अदा करना, सहूलियत और आसानियां पैदा करना, लड़ाई-झगड़े, चुगली-ग़ीबत, बुराई और गुनाहों से अपने-आपको बचाने की और उम्मत के हर फर्द को बचाने की फिक्र करना इस तरह की बाते उलामा अपनी मजलिस में लोगो को बताते और सिखलाते है इज्तिमा में किसी किस्म की दुनिया की बाते, राजनीति की बाते और दुनिया के हालात की बाते बिल्कुल नही होती है, सिर्फ ज़मीन के नीचे की और आसमान के ऊपर की बाते मुस्तक़िल 4 दिन तक उलामा-किराम लोगो को बतलाते है।
पिछले साल इज्तिमाई निकाह नही हुए थे, इस बार इज्तिमाई निकाह पहले दिन यानी शुक्रवार के दिन होंगे और सोमवार को सामूहिक दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा इसके बाद 4 माह की जमाते, और 40 दिन की जमाते दिए हुए रूट पर जाकर इस्लाम की तब्लीग करेंगी इसी के साथ इज्तिमा में शिरकत के लिए आए जमातियों को और अन्य लोगो को खाने की होटलों पर 50 रुपए में खाना दिया जाएगा जिसके लिए फ़ूड-ज़ोन बनाए गए है। इसी तरह टोपी, रुमाल, मिस्वाक, तस्बीह और किताबों की दुकानें भी लगाई गई हैं, वहीं भोपाल और आसपास के 50 अस्पतालों के डॉक्टर भी इज्तिमा में अपनी सेवाएं देने के लिए आ चुके है, हुज़ूर एसडीएम और तमाम अधिकारी इज्तिमा को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए व्यवस्थाएं संभालने के लिए इज्तिमागाह में मौजूद रहेंगे।