कोरबा। CG NEWS : जिले के नगर पालिका परिषद दीपिका के अध्यक्ष संतोषी दीवान की कुर्सी आगामी दिनों में रहेगी या जाएगी, इसे लेकर पेंच फंस गया है। भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन दिया है । दावा किया जा रहा है कि भाजपा को यहां पर चार अन्य पार्षद का भी समर्थन मिला हुआ है। प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के साथ आगे की रणनीति बनाई जा रही है।
नगरी निकायों के प्रमुख पदों के लिए पिछले चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से संपन्न हुए थे जिसमें निर्वाचित पार्षदों के द्वारा अध्यक्ष का चुनाव किया गया था। 21 सदस्यों वाली नगर पालिका परिषद दीपका में भाजपा से सर्वाधिक 10 पार्षद चुनकर आए थे। जबकि कांग्रेस के 7, 3 निर्दलीय और एक पार्षद निर्दलीय को जीत मिली थी। अल्पमत में होने के बावजूद कांग्रेस पार्षद संतोषी दीवान में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया। जबकि भाजपा के पार्षद ज्यादा थे और उसे दूसरे पार्षदों का भी समर्थन मिला हुआ था। हालांकि इस बारे में कई प्रकार की चर्चा गर्म रही। लगभग 4 वर्ष का समय बीतने के बाद अब छत्तीसगढ़ में सत्ता का केंद्र बदल गया है और इसी के साथ कई प्रकार के नए समीकरण बन रहे हैं। इसी कड़ी में नगर पालिका परिषद में भाजपा के पार्षदों के द्वारा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित आवेदन जिला प्रशासन को सोपा गया। इस दौरान भाजपा के सभी 10 पार्षद यहां मौजूद रहे । अनूप यादव और एक अन्य पार्षद ने बताया कि अध्यक्ष के द्वारा लगातार मनमानी की जा रही है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है इन सब कारणों से नाराजगी बनी हुई है। अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग में तस्वीर कुछ और देखने को मिल सकती है।
इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि निर्धारित प्रक्रियाओं से पूर्व भाजपा ने कई पार्षदों का समर्थन हासिल कर लिया है। पिछले चुनाव में नगर पालिका परिषद दीपिका के अध्यक्ष पद को ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। इस स्थिति में अगर आगे सब कुछ ठीक-ठाक रहता है तो भाजपा के पास इस कोटे के चार चेहरे मौजूद है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इन्हीं में से किसी एक को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। यहां बताना आवश्यक होगा कि अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित आवेदन के मामले में सदस्यों के हस्ताक्षर के मिलान प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा किये जाते है। और इसके बाद विश्वास प्रस्ताव पर मीटिंग बुलाई जाती है। प्राप्त मतों के अनुसार फिर अगली कार्यवाही की जाती है।