डॉक्टर भगवान का दर्जा दिया है । मरीज अपने इलाज करने के लिए डॉक्टर के पास यह सोचकर आते हैं कि वो उनके मर्ज को ठीक कर देंगे। लेकिन छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में जो मामला सामने आया उसने सब कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया।
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आपको बता दे 2 दिसम्बर को लहगडुआ निवासी पुशु राठौड़ घर से इलाज कराने निकले थे। बाद में 4 दिसम्बर को बुजुर्ग का शव जबलपुर बरगी डेम के गोकलपुर नहर में मिला था। इसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल किया था। साथ ही बुजुर्ग की मौत के मामले पर डॉक्टर के खिलाफ सवाल उठाते हुए मामले की जांच करने की मांग की थी। पुलिस ने भी शिकायत के बाद डॉक्टर के खिलाफ जांच करना शुरू किया। इसके बाद कुछ ऐसे फैक्ट सामने आए जिसे अमरवाड़ा के डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव पर शक बढ़ गया। आगे हुई इनवेस्टिगेशन में आरोपी डॉक्टर की काली करतूत का चिट्ठा खोल कर रख दिया और बुजुर्ग की मौत की सारी गुत्थी सुलझ गई।
गलत इंजेक्शन लगाने से हुई थी मौत
जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टर ने बुजुर्ग को गलत इंजेक्शन दिया था। जिससे कुछ देर में ही क्लीनिक में बुजुर्ग की जान चली गई। बुजुर्ग की मौत को आत्महत्या बताने के लिए डॉक्टर ने प्लानिंग की। उसने अपने भाई और स्टाफ के साथ मिलकर शव बरगी डेम की नहर में ले जाकर फेंक दिया। पुलिस ने डॉक्टर समेत चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।