संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा में युद्ध विराम को लेकर वोटिंग हुई है। यूएन की तरफ से गाजा में जल्द से जल्द युद्ध विराम की अपील की गई है। यूएन का कहना है कि गाजा में स्थिति बहुत मुश्किल होती जा रही है। इसके पक्ष में 13 देशों ने मतदान किया है। अमेरिका ने इसे खारिज कर दिया है। जिसकी कई अंतराष्ट्रीय संस्थाओं ने कड़ी निंदा की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा संघर्ष विराम पर आया प्रस्ताव असफल हो गया है। इस प्रस्ताव को अमेरिका की तरफ से खारिज कर दिया गया है। यह प्रस्ताव तब आया जब यूएनएससी में महासचिव एंटोयिों गुटेरेस ने बहली बार सयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 को लागू किया। यह वह नियम है जो संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को अंतराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे उठाने में सक्षम बनाता है। गुटारेस ने गाजा में मानवीय तबाही की चेतावनी दी थी। भारत की तरफ से आठ दिसंबर को हुई बहस में हिस्सा लिया गया था। लेकिन इसके प्रस्ताव पर उसके रूख की अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
इस लिए अमेरिका ने किया खारिज
प्रस्ताव के पक्ष में 13 देश थे। जिसमें तीन स्थायी सदस्य रूस, चीन और फ्रांस भी शामिल है। यूके वोटिंग से गायब रहा। रॉबर्ट वुड ने काउंसिल में यूएन की आलोचना की और कहा कि वह इजराइल में हमलों की निंदा करने में असफल रहा है। संयुक्त अरब अमीरात समर्थित प्रस्ताव पर अमेरिका के यूएन में उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने से हमास को गाजा पर शासन जारी रखने की मंजूरी मिल जाएगी। साथ ही यह प्रस्ताव सिर्फ अगले युद्ध के लिए बीज बोने का काम करेगा। भारत ने 8 दिसंबर को हुई बहस में हिस्सा लिया लेकिन अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि प्रस्ताव पर नहीं है। पिछले 13 नवंबर को आए प्रस्ताव में इजरायल के खिलाफ वोट किया था।