छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में बीजेपी ने सभी वर्गों को साधने के लिए एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फाॅर्मूला लागू किया है. बीजेपी आलाकमान ने विष्णुदेव साय को सीएम तो अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया है. इस फॉर्मूले के जरिए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है
मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री हमेंशा की तरह इस बार भी ओबीसी वर्ग से हो सकता है लेकिन यदि दो डिप्टी सीएम मध्यप्रदेश में भी देना पड़ जाते हैं तो फिर वो दो चेहरे कौन होंगे जिनको बीजेपी मध्यप्रदेश में डिप्टी सीएम के रूप में प्रोजेक्ट कर सकती है। प्रदेश में सीएम पद की दौड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल है ।
चुनावों के परिणाम के साथ डिप्टी सीएम, मंत्रिमंडल के साथ संगठन स्तर पर भी बदलाव संभव
डिप्टी सीएम के फार्मूला के साथ जातिगत और क्षेत्रवार समीकरणों को साधने की भी कवायद की जा सकती है। इसका सीधा फायदा न सिर्फ संगठन की मजबूती बल्कि करीब पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में भी मिलेगा। राजनीतिक पंडितों की मानें तो यदि डिप्टी सीएम पद पर बीजेपी ने पहले दांव खेला होता तो बीजेपी को वर्तमान में पर्यवेक्षक से रायशुमारी की स्थिति नहीं बनती। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी में सिंधिया खेमे की एंट्री के बाद फुल फ्लैश हुए चुनावों के परिणाम के साथ डिप्टी सीएम, मंत्रिमंडल के साथ संगठन स्तर पर भी बदलाव संभव है।