मध्य प्रदेश के शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला है। आज भी यहां ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जहां झाड़ फूक, अंधविश्वास और दगना जैसे कुप्रथा के शिकार लोग जिंदगी और मौत से जूझते हैं। एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है। जहां एक मासूम एक 5 माह के मासूम बच्चे को 21 बार गर्म सलाखो से दागा गया। जब उनकी तबियत ठीक नहीं हुई तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
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जिला मुख्यालय से लगे सोहागपुर के मैकी गांव का है। जहां निमोनिया और सांस की तकलीफ होने पर मासूम बच्चे को गर्म सलाखो से दगवाया गया। हैरानी की बात तो ये है कि बच्चे के माता पिता ने ही 21 बार गर्म सलाखो से शरीर मे दगवाया। वहीं जब मासूम की हालत ज्यादा बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल बच्चे का जिला अस्पताल के एसएनसीयू में इलाज चल रहा है। वहीं अभी हाल में ही एक और मासूम बच्चे को 51 बार गर्म सलाखो से दागने का मामला सामने आया था। जिस पर गांव की ताई सहित बच्चे के दादा व मां के खिलाफ शहडोल पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था।
सांस लेने और पेट फूलने पर उसके बेरहम पिता प्रदीप बैगा ने 51 बार गर्म सलाखों से दगवाया
इससे पहले भी शहडोल जिले में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। कुछ दिन पहले ही 21 नवंबर को जिले के जनपद पंचायत सोहगपुर के ग्राम हरदी में डेढ़ माह के मासूम प्रेम लाल को सांस लेने और पेट फूलने पर उसके बेरहम पिता प्रदीप बैगा ने 51 बार गर्म सलाखों से दगवाया था। मासूम के शरीर को हर एक गर्म सलाखों से दागा गया। जब मासूम की हालत ज्यादा बिगड़ गई तब उसे गंभीर हालत में उपचार के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। वहीं मामले में मासूम के पिता का कहना था कि तबियत खराब होने पर पुरानी सोच रखने वाले घर के बड़े बुजुर्ग ने बच्चें को गर्म सलाखो से दगवाया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।