सोनकच्छ विधानसभा के ग्राम इकलेरा पहाड़ी पर एक बीमार तेंदुआ 29 अगस्त को ग्रामीणों को मिला था। ग्रामीणों को तेंदुआ जब मिला तब वो बहुत ही ज्यादा अस्वस्थ था। पर्यटक उसके साथ सेल्फी लेने लग गए थे। वन विभाग द्वारा इसे रेस्क्यू कर इंदौर व भोपाल में इलाज कराने के लिए भेज दिया था। लेकिन उसका इलाज वहां न करते हुए सोनकच्छ वन विभाग के विश्राम भवन में किया गया। उधर विभाग द्वारा तेंदुए को वन विहार में छोड़ने के लिए भी अधिकारियों को पत्र लिखें लेकिन उन्होंने तेंदुए के रखने से इंकार कर दिया। जिसके बाद 4 माह तक सोनकच्छ में ही उसका उपचार किया गया।
करीब 4 से 5 दिन तक तेंदुआ कुछ भी नही खता था, फिर उसको मुर्गी दी गयी जिसका उसने शिकार कर के खा लिया। उसके बाद धीरे धीरे उसकी खुराक बढ़ गई। इसी बीच जिस पिंजरे में वह था तो उसे सिर में चोंट लग गई थी। जिसके बाद उसके लिए विभाग ने बड़े पिंजरे का इंतजाम किया। धीरे धीरे उसकी सेहत में सुधार होने लगा और वो सुबह शाम भोजन के रूप में 10 किलो के करीब मीट खाना शुरु कर दिया। विभाग ने उसकी जांच जबलपुर के डॉक्टरों से करवाई है । उसकी रिपोर्ट स्वस्थ आने के बाद विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में तेंदुए को खिवनी अभ्यारण में छोड़ा गया है। इस अवसर पर रेंजर डी एस चौहान व खिवनी अभ्यारण के भीम सिंह सिसोदिया उपस्थित थे।