रायगढ़ : CG NEWS : जिले के जिंदल उद्योग में कार्यरत ठेका कर्मी लंबे समय से वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को ठेकेदार और प्रबंधन द्वारा आश्वासन देकर नकार दिया जा रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में कार्यरत जिंदल ठेका कर्मियों ने बुधवार सुबह से मासिक वेतन पुनर्विचार के साथ 5 बिंदुओं में अपनी मांगों को लेकर कामकाज बंद कर धरने में बैठ गए। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक स्तर के अधिकारी व एसडीएम मौके पर पहुंचे।
आंदोलन कर रहे जिंदल उद्योग ठेका कर्मियों ने आवेदन के माध्यय से बताया कि वे वर्षो से ठेकेदारों के अधीन कारखाना में प्रबंधक अनुसार जो निर्धारित किया गया है, उस पर काम करते आ रहे है। वहीं, इसमें कई कर्मचारी शिफ्ट के अनुसार कार्य करते है। जिसके एवज में मेहनताना के रूप में 21,215 रुपये से कम दिया जाता है। जो मासिक वेतन शासन द्वारा निर्धारित वेतन से भी कम है। इसे लेकर वे पूर्व में भी ठेकेदार को वस्तु स्थिति से अवगत करा चुके है। लेकिन इसका नतीजा सार्थक नही रहा है। ऐसे में मजदूर नाराजगी जाहिर करते हुए बुधवार सुबह 8 बजे से आंदोलन का आगाज कर दिए। जिससे उद्योग प्रबंधन में हलचल मच गया।
कमर्चारियों ने प्रशासन के समक्ष सौंपे गए ज्ञापन के माध्यय से बताया कि ठेका कर्मचारी इतने कम वेतन में कार्य करने में असमर्थ बताते हुए मासिक वेतन के साथ 5 बिंदुओं में न्यूनतम वेतन मजदूरी 21215 रुपए हो, कार्य अवधि 8 घंटे,माह में 4 सप्ताहिक अवकाश, 8 प्रतिशत की दर से साल में वेतन वृद्धि, सभी ठेका कर्मचारियों के आईडी कार्ड में पोस्ट उल्लेखित किया जाए।
जिंदल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारों ने आपसी बैठक करने के बाद आंदोलन कर रहे ठेका कर्मियों को समझाइश दी कि वर्तमान में शासन की जो दर निर्धारित की गई है उससे अधिक मानदेय ठेका कर्मचारियों को दिया जा रहा है। उसके बाद भी यदि किसी प्रकार की विसंगति हो रही है तो उनकी बातों पर विचार किया जाएगा। लेकिन प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों की बात को अनसुना करते हुए देर शाम तक ठेका श्रमिक सार्वजनिक मार्ग को बाधित करते हुए बैठे रहे। ऐसे में प्रबंधन द्वारा तकरीबन एक दर्जन गांव के लोगों का मार्ग बाधित करने की शिकायत जिला प्रशासन से करते हुए कार्रवाई की मांग की है।