नारायणपुर। CG NEWS : अबूझमाड़ के बालक आश्रमों में अधीक्षकों के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। बाजार घूमाने के नाम पर नन्हे बच्चों से 8 से 10 किलोमीटर दूर घनघोर जंगल के रास्ते से राशन सामान मंगवाया जा रहा है।
हम बात कर रहे हैं नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत बालक आश्रम बड़ेरायनार की जहां अधीक्षक संतु मांडवी के द्वारा पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को 8 से 10 किलोमीटर दूर जंगल के रास्ते से ओरछा बाजार भेज कर मजदूरों की तरह छोटे बच्चों से सब्जी भाजी चावल दाल व अन्य राशन सामान का थैला लादकर पैदल चला कर मंगवाया जाता है, वहीं ओरछा से 5 किलोमीटर में लगे ग्राम मंडाली के बालक आश्रम अधीक्षक कारिया वड्डे के द्वारा भी सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को छोटे बच्चों को बाजार भेज कर राशन सामान व साग सब्जी मंगाया जाता है, इस संबंध में अधीक्षक कारिया वड्डे से मीडिया के टीम द्वारा जानकारी लेनी चाही तो अधीक्षक कारिया वड्डे ने बच्चों के रुचि के हिसाब से समान खरीदने की बात कही, मगर सवाल यह है की उन्ही छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरों की भांति सामान ढोकर मंगवाया जाता है, जबकि सप्ताह के बुधवार को स्कूल का दिन होता है इस दिन भी शिक्षक बच्चों को शिक्षा देने के बजाय सामान खरीदने बाजार भेज देते हैं। जिले के सभी आश्रमों छात्रावासों में तीन चार चौकीदार होते हुए भी छोटे-छोटे बच्चों से समान ढोकर पैदल चलाना कहीं ना कहीं अधीक्षकों की लापरवाही को दर्शाता है।
अभिभावक अपने बच्चों को घर से दूर छात्रावास में इसलिए भेजते हैं कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर कुछ बन सके और उनका नाम रोशन कर सके। परंतु ओरछा ब्लॉक के बालक छात्रावासों, आश्रमों में अभिभावकों के सपनों पर पानी फेरा जा रहा है। घर से कई किलोमीटर दूर पढ़ाई करने छात्रावास में रह रहे बच्चों से अधीक्षकों द्वारा प्रत्येक बुधवार को समान ढूलवाया जा रहा है।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अधीक्षक के कहने पर बच्चों से काम कराया जाता है। बच्चे काम नहीं करते हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है।