दिसंबर का महीना चल रहा है और यह साल का अंतिम महीना होता है। हर साल इस महीने में एक खगोलीय घटना होती है, जिसके कारण 22 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन होता है और रात सबसे लंबी होती है। इस घटना को विंटर सॉल्स्टिस यानी शीतकालीन संक्रांति कहते हैं।
शीतकालीन संक्रांति की घटना मौसमी बदलाव का प्रतीक है, इसलिए शुक्रवार से रातें छोटी होने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक, शीतकालीन संक्रांति में सूरज से धरती की दूरी ज्यादा हो जाती है इसलिए पृथ्वी पर चांद की रोशनी देर तक रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते समय लगभग 23.4 डिग्री झुकी होती है। इस कारण प्रत्येक गोलार्ध को पूरे साल अलग-अलग मात्रा में सूरज की रोशनी मिलती है।
अगर आप इस अनोखी घटना को देखना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आज के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त होता देखें। इसके अलावा दूसरा तरीका यह है कि आप अंधेरा होने के बाद घर से बाहर जाएं और कुछ देर तक तारों को देखें. बता दें कि शीतकालीन संक्रांति, ग्रीष्म संक्रांति से बिल्कुल अलग होता है यानी इस दौरान एक ही गोलार्ध में दिन के उजाले का समय सबसे ज्यादा होता है।